
मेडिकल की भाषा में हाइपरटेंशन को हाई बीपी कहा जाता है, इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। यह बीमारी 18 साल के बाद किसी भी उम्र के इंसान को हो सकती है। डॉक्टर्स की माने तो यह स्ट्रेसफुल लाइफ की भी देन है और कुछ मानवीय गलतियों भी। सही नींद न लेना भी डॉक्टर्स हाइपरटेंशन का कारण मानते हैं। हाइपरटेंशन या हाई बीपी के दौरानवेन्स में ब्लड का प्रेशर बढ़ जाता है। इस प्रेशर के कारण वेन्स में ब्लड का फ्लो इतना ज्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से दिल को अधिक काम करने की जरूरत पड़ती है। कई बार ऐसा होता है कि लोग बीपी को एकदम अनदेखा कर देते हैं, जिसकी वजह से अकाल ही मृत्यु के शिकार होते हैं। यह ऐसी बीमारी है जो कई बार अपने लक्षण जाहिर नहीं करती। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे को लेकर इस बार की थीम है, अपना सही बीपी जांचे और लंबा जिएं।
बीपी रीडिंग से पहले 10 मिनट आराम से बैठें
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक चतुर्वेदी बताते हैं, हाइपरटेंशन से बचने के लिए लाइफ स्टाइल मोडिकेशन जरूरी है साथ ही समय-समय पर बीपी की जांच करना जरूरी है क्योंकि इसके होने का पता देर में चलता है। बीपी मॉनिटर घर में रखते हैं तो इसे नापने का तरीका डॉक्टर से सीखें। रीडिंग लेने से पहले 5-10 मिनट आराम कर लेना बेहतर रहता है। इसके अलावा जिम में व्यायाम करना जरूरी नहीं। ब्रिस्क वॉकिंग, स्वीमिंग व साइकलिंग भी काफी होती है। अगर समय मिलता है तो शरीर को रिलेक्स करने वाले योग करें ताकि तनावमुक्त हो सकें। मैं मरीजों को योग करने की भी सलाह देता हूं क्योंकि इससे मन व चित्त भी सधते हैं। दूसरा, जिम में दिए जाने वाले हैवी प्रोटीन पाउडर से बचें। कोशिश करें कि खानपान का समय सही हो। रात का खाना 8 बजे तक खा लें ताकि हार्ट पर अतिरिक्त दवाब न पड़े। पूरे परिवार को साल में कम से कम पांच से छह बार बीपी चेक करना चाहिए यदि हाई बीपी की समस्या नहीं है तब भी। कारण यह है कि इसका पता नहीं चलता और यह खतरनाक रूप में सामने आता है जिसमें सीधे मृत्यु हो जाती है। बीपी को नियंत्रित रखने वाली दवा डॉक्टर से जरूर लें।
नींद पूरी न होने से दिल पर बुरा असर
ठीक तरीके से नींद न ले पाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट प्रभावित होता है। ऐसे में दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और हाई बीपी, डायबिटीज और हृदय संबंधी परेशानियों का रिस्क बढ़ जाता है। आजकल लोग देर रात तक मोबाइल की वजह से जागे रहते हैं जिससे नींद पूरी नहीं होती। -डॉ. आरएन साहू, मनोचिकित्सक
बचपन से बचाए ब्लड प्रेशर बढ़ने के खतरे से
अपने खाने में लहसुन, टमाटर, अनार, बींस, हरी सब्जियां शामिल करें। बच्चों में यदि मोटापा है तो वे हाई रिस्क पेशेंट्स में आ जाएंगे। फिर बड़े होने तक वे धीरे-धीरे बीपी व अन्य बीमारियों के शिकार होने लगते हैं, इसलिए बच्चे को खेलने-कूदने के लिए प्रोत्साहित करें और घर के खाने पर फोकस करें। -डॉ. अलका दुबे, डायटीशियन