भोपालमध्य प्रदेश

मदरसों में पढ़ाए जा रहे आपत्तिजनक कंटेंट की होगी स्क्रूटनी, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- कलेक्टरों को देंगे निर्देश

भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को कहा कि प्रदेश के कुछ मदरसों में आपत्तिजनक कंटेंट पढ़ाने की जानकारी सामने आई है। मैंने भी उसे सरसरी निगाह से देखा है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मदरसों स्टडी मटीरियल (पठन सामग्री) की स्क्रूटनी करवाने पर विचार किया जा रहा है। मिश्रा ने कहा- मैंने भी उसको (आपत्तिजनक सामग्री को) प्रथम दृष्टया सरसरी निगाह से देखा है। कलेक्टरों से कहेंगे कि शिक्षा विभाग से इसकी जांच कराएं और पठन सामग्री व्यवस्थित करें।

नहीं बताए मदरसों के नाम

नरोत्तम ने यह नहीं बताया कि वह किन मदरसों की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वर्गों ने राज्य के कुछ स्थानों पर मदरसों में पढ़ाए जाने वाले कुछ विषयों पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।

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उषा ठाकुर ने कहा था- मदरसों से हो सकती है मानव तस्करी

इसी साल अगस्त (2022) में मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि अवैध रुप से संचालित मदरसों का मानव तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि ऐसी जगहों की जांच की जानी चाहिए। ठाकुर ने आरोप लगाया था- बाल आयोग के पदाधिकारियों ने हाल में ऐसे अवैध रूप से संचालित मदरसों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि 30-40 बच्चों को स्वस्थ वातावरण के बिना रखा गया। वहां भोजन की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने शंका जाहिर की थी कि यह मानव तस्करी का मामला हो सकता है।

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UP में मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों को नहीं मिलेगी स्कॉलरशिप

हाल ही में केंद्र सरकार ने मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों को लेकर बड़ा आदेश जारी किया था। सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले 1 से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के स्कॉलरशिप देने से इनकार कर दिया। बता दें कि अभी तक मदरसों में 1 से 5 तक के छात्रों को एक हजार रुपए स्कॉलरशिप मिलती थी। वहीं, 6वीं से 8वीं तक के छात्रों को अलग अलग कोर्स के हिसाब से स्कॉलरशिप मिलती थी।

केंद्र सरकार का मानना है कि शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों की पढ़ाई मुफ्त है। इसके अलावा छात्रों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं। मदरसों में मिड डे मील और किताबें भी फ्री मिलती हैं। ऐसे में सरकार ने स्कॉलरशिप बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, 9वीं और 10वीं के छात्रों को स्कॉलरशिप पहले की तरह ही मिलती रहेगी। उनके आवेदन लिए जाएंगे।

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