
थाईलैंड। अयुत्थाया शहर में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां 36 वर्षीय महिला चटवीसा को अस्पताल पहुंचाने के लिए आम एंबुलेंस की जगह एक टो ट्रक का इस्तेमाल करना पड़ा। महिला का वजन लगभग 300 किलो (660 पाउंड) है, जिसकी वजह से अब वो चलने-फिरने में पूरी तरह से असमर्थ हैं। वह पूरी तरह से बिस्तर पर निर्भर हो गई थीं।
गुरुवार को चटवीसा को सांस लेने में परेशानी होने लगी, जिसके बाद उनके परिवार ने आपातकालीन सेवाओं को फोन कर बुलाया। जब पैरामेडिक्स उनके घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि वह बिस्तर पर औंधे मुंह पड़ी थीं।
दीवार तोड़ी गई, 20 लोगों ने की कोशिश
चटवीसा की गंभीर स्थिति को देखते हुए पैरामेडिक्स ने तुरंत उनको सांस लेने की नली डाली, ताकि वह आसानी से सांस ले सकें, लेकिन असली चुनौती तब आई जब उन्हें अस्पताल ले जाने की बारी आई। उनका आकार और वजन इतना अधिक था कि सामान्य एंबुलेंस में उन्हें ले जाना संभव नहीं था। बचाव टीम को उनके कमरे की दीवार तोड़नी पड़ी और दरवाजा हटाना पड़ा ताकि उन्हें बाहर निकाला जा सके।
चटवीसा के मेटल फ्रेम वाले बिस्तर को उठाने के लिए 20 से अधिक लोगों की टीम को तैनात किया गया। आखिरकार उन्हें एक विशेष टो ट्रक में लादकर अस्पताल भेजा गया, जो आमतौर पर भारी वाहनों और SUV जैसी कारों को खींचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अस्पताल तक पहुंचाने में लगी मशक्कत
सड़क पर चलते हुए टो ट्रक पर लेटी महिला को देखकर लोग चौंक गए और कई लोगों ने इस अनोखे दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया। आखिरकार, चटवीसा को सोमदेव फ्रा अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें उतारने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों और बचाव दल को फिर से विशेष प्रयास करने पड़े ताकि उन्हें सुरक्षित तरीके से अस्पताल के अंदर लाया जा सके।
डॉक्टरों ने चटवीसा को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया, ऑक्सीजन सपोर्ट और IV ड्रिप लगाई, जिससे स्थिति स्थिर हुई। फिलहाल, डॉक्टर उनके लिए वजन घटाने की एक विशेष योजना बना रहे हैं।
बचपन से वजन बढ़ने की समस्या
चटवीसा के पिता ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बचपन से ही उनकी बेटी का वजन असामान्य रूप से बढ़ता रहा। पिछले साल उनका वजन 270 किलो (595 पाउंड) था, जिसकी वजह से वह ज्यादातर समय बिस्तर पर ही रहती थीं। लेकिन अब उनका वजन 300 किलो तक पहुंच गया है, जिससे वह पूरी तरह से बिस्तर पर निर्भर हो गई हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर चटवीसा ने अपना वजन नियंत्रित नहीं किया, तो उनकी जान को गंभीर खतरा हो सकता है। फिलहाल, उनका इलाज जारी है और विशेषज्ञ उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए विशेष योजना बना रहे हैं।
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