
इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा। ऐसी मान्यताएं हैं कि नौतपा के नौ दिन सूर्य देव प्रचंड स्वरूप में रहते हैं। इस दौरान सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में आते हैं और भीषण गर्मी का एहसास कराते हैं। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही धरती का तापमान बढ़ जाता है। दरअसल सूर्य 14 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। लेकिन, शुरुआत के 9 दिन ही सबसे ज्यादा गर्मी रहती है।
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कब शुरू हो रहा नौतपा?
पंचांग के अनुसार, सूर्य 25 मई को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसी तिथि से नौतपा की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद सूर्य बुधवार, 8 जून को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र से बाहर आ जाएंगे और इसी के साथ नौतपा समाप्त हो जाएगा।
नौतपा में बरते सावधानियां
नौतपा के दौरान लोगों को गर्मी से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। नौतपा के समय सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं, जिसकी वजह से गर्मी बहुत बढ़ जाती है। ऐसे मौसम में आंधी और तूफान आने का डर भी ज्यादा रहता है। नौतपा में शीतल यानी ठंडी चीजें दान करने से बड़ा पुण्य मिलता है।
ये चीजें करने से मिलेगा लाभ
नौतपा के दौरान सुबह पूजा के बाद सत्तू, घड़ा, पंखा या धूप से निजात दिलाने वाला छाता भी दान कर सकते हैं। इस अवधि में जरूरतमंदों को ठंडी चीजें दान करने से ब्रह्मा प्रसन्न होते हैं। आप चाहें तो शरीर को ठंडक देने वाली चीजें जैसी कि दही, नारियल पानी या तरबूज का भी दान कर सकते हैं। नौतपा में आटे से भगवान ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा करने से भी लाभ होता है। पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें।
बारिश की भविष्यवाणी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर नौतपा के 9 दिनों के अंदर बारिश शुरू हो जाए। इसे मानसून के मौसम के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जाता। हालांकि, नौतपा के दौरान जितनी गर्मी होगी, मानसून उतना ही खुशनुमा होगा।
(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)