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Indore : नहीं हुआ राजेंद्र नगर की मल्टी से रहवासियों का पलायन, अध्यक्ष चुनाव के बाद फैलाई थी अफवाह, डीसीपी ने नियुक्त की जांच कमेटी

इंदौर। राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में कुछ दिन पहले 25 परिवारों द्वारा पलायन की बात पूरी तरह से गलत साबित हुई। इसमें कुछ रहवासियों द्वारा बदमाशों और नशे का कारोबार करने वाले लोगों से परेशान होकर वहां के कई रहवासी पलायन कर चुके हैं। यह खबर मीडिया में चलने के बाद पुलिस द्वारा लगातार मामले की जांच की जा रही है। वहीं शुक्रवार शाम रहवासियों द्वारा ही डीसीपी से मिलकर इस मामले में कई जानकारी पुलिस अधिकारियों से सांझा की।

रहवासियों ने बताया कि टाउनशिप में कुछ समय पहले अध्यक्ष का चुनाव था और दोनों अध्यक्ष के विवाद के बाद इसी तरह के पोस्टर वायरल किए गए थे। पुलिस द्वारा पूरे मामले को लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया है। जल्द इस मामले में पुलिस बड़ा खुलासा करने की बात कह रही है।

डीसीपी ने गठित की जांच कमेटी

राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र के ट्रेजर टाउन में बनी ईडब्ल्यूएस टाउनशिप बिल्डिंग में अपने फ्लैट के बाहर ‘मेरा घर बिकाऊ है’ के पोस्टर लगाए गए थे, जहां पर कुछ लोगों का उस वक्त कहना था कि इलाके में बदमाशों से रहवासी पूरी तरह से परेशान हैं। पुलिस की पेट्रोलिंग को लेकर और पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की सुनवाई ना होने को लेकर यह पोस्टर लगाए गए थे। इस पर डीसीपी आदित्य मिश्रा ने पूरे मामले की जांच के लिए जांच कमेटी गठित की गई है।

जांच कमेटी से स्पष्ट होगी स्थिति

शुक्रवार को जब डीसीपी आदित्य मिश्रा से कई रहवासी मिलने आए, तब अधिकारी का कहना था कि यह विवाद पूरी तरह से टाउनशिप में अध्यक्ष पद के लिए खड़े कुछ लोगों द्वारा भ्रामक संदेश मीडिया पर फैलाया गया था। इस मामले में एक जांच कमेटी गठित की गई है। जांच कमेटी के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन व्यक्ति था, जिसने मीडिया को भ्रामक जानकारी दी थी। वहीं मामले में रहवासियों का कहना था कि इलाके में बदमाशों से ज्यादा अध्यक्ष पद के लिए खड़े हुए उम्मीदवारों द्वारा यह भ्रामक जानकारी साझा की गई, जिससे कि रहवासी और पुलिस प्रशासन दोनों ही परेशान हो गए।

भ्रामक पोस्टर की जांच होनी चाहिए : रहवासी

इधर, मनीष जो कि उसी मल्टी के रहवासी है, उनका कहना था कि उन्हें आज तक नहीं लगा कि कोई भी व्यक्ति ने परेशान होकर इलाके से पलायन किया है। लेकिन, कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक संदेश मीडिया में फैलाया गया। डीसीपी से मिलने आए रहवासी द्वारा यह साफ और स्पष्ट कर दिया गया है कि इस तरह के पोस्टर बिना सोसाइटी से बात किए हुए कुछ लोगों ने लगाए हैं। लेकिन, आज तक 200 परिवार उसी मल्टी में रह रहे हैं। किसी ने भी परेशान होकर इंदौर से पलायन नहीं किया है। जिस व्यक्ति ने इस तरह के पोस्टर लगाकर भ्रम फैलाया उसकी भी जांच होनी चाहिए। पूरा घटनाक्रम कॉलोनी को बदनाम करने के लिए किया गया था।

(इनपुट- हेमंत नागले)

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