
मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी आने के बाद सरकार ने 1 फरवरी से कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए हैं। वहीं 3 फरवरी से आंगनबाड़ी केंद्र भी खोल दिए गए हैं। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिए हैं।
जल्द हट सकती हैं पाबंदियां
प्रदेश सरकार ने संकेत दिए हैं कि यदि कोरोना को लेकर यही स्थिति बनी रही, तो पाबंदियां जल्द ही कम की जा सकती हैं। इसमें शादी समारोह में 250 लोगों के शामिल होने की शर्त भी खत्म की जा सकती है। हालांकि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में लगातार कमी आ रही है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने क्या कहा ?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए जरूरी है कि वे आंगनबाड़ी आएं। सभी निर्णय एक्सपर्ट की सलाह पर लिए जा रहे हैं।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी ने निर्देशित किया है कि अब आंगनबाड़ी भी खोली जाएंगी।
आंगनबाड़ी में जो बच्चे आते हैं उनके सर्वांगीण विकास और उनके स्वास्थ्य के लिये यह बेहद जरूरी है। pic.twitter.com/7KRuTOIAK0
— Vishvas Kailash Sarang (@VishvasSarang) February 3, 2022
‘एक्सपर्ट की राय के बाद हटाएंगे बाकी प्रतिबंध’
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि अलग-अलग एक्सपर्ट की राय के बाद स्कूल खोलने का फैसला लिया गया था। वहीं कोरोना के बाकी प्रतिबंध हटाने के लिए भी समय-समय पर निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये सभी फैसले कोरोना की पॉजिटिविटी रेट को देखते हुए लिए जाएंगे।
‘आंगनबाड़ी में बच्चों का ध्यान रखा जाए’
महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. रामराव भोसले ने आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के निर्देश जारी किए हैं। हालांकि आदेश में ये भी स्पष्ट किया गया है कि आंगनबाड़ी में बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए।
कोरोना के कारण बंद थे स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र
प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए थे। लेकिन संक्रमण कम होने के बाद सरकार ने समीक्षा बैठक की, उसके बाद स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं।