
भोपाल। उज्जैन में प्रस्तावित महाकाल रोप-वे निर्माण के लिए डीआरएम ने सैद्धांतिक अनुमति दे दी है। भूखंड नहीं मिलने से रोप-वे का काम पिछले आठ माह से लटक रहा था। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने डीआरएम के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय के पास सहमति के लिए भेज दिया है। इसकी अनुमति अगले माह तक मिलने की संभावना है। एनएचएआई ने रोप- वे के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिया है। यह रोप-वे 1.7 किमी का होगा। इसकी लागत 157 करोड़ रुपए रखी गई है। यह रेलवे स्टेशन के पास स्थित माल गोदाम से प्रारंभ होकर रुद्र सागर फुट ओवर ब्रिज के सामने समाप्त होगा। जिससे यात्री इस रोप-वे से उतरने के बाद सीधे फुट ओवर ब्रिज से होकर महाकाल लोक कैंपस में बिना किसी ट्रैफिक बाधा के पहुंच सकें।
ट्रेन से पहुंचने वाले यात्री सीधे रोप-वे से पहुंचेंगे
\रोप-वे की ऊंचाई 15 मीटर के आस पास रखी गई है। 10-15 मिनट के अंदर यात्री रेलवे स्टेशन से महाकाल लोक पहुंच सकेंगे। वर्तमान में वहां तक पहुंचने के लिए करीब एक से आधे घंटे से अधिक का समय लगता है। इसके अलावा लोगों को वहां तक पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन से कोई सीधा रास्ता भी नहीं है। इससे रोड रोड पर ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बनेगी। जो यात्री रेलवे से आएंगे वो रोप वे के जरिए सीधे महाकाल लोक परिसर तक पहुंच जाएंगे। रोप वे का निर्माण वर्ष 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसका फायदा यात्रियों को वर्ष 2027 के शुरूआत से प्रारंभ हो जाएगा। इसके बनने से यात्रियों के पैसे के साथ ही समय की भी बचत होगी।
रोप-वे बनाने के लिए रेलवे से सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इसे रेल मंत्रालय को भेज दिया गया है। फाइनल अनुमति के बाद इस निर्माण की एजेंसी तय की जाएगी। एसके सिंह, आरओ, एनएचएआई (मध्य प्रदेश)