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कर्नाटक में महसूस हुए भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग; रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई तीव्रता

कर्नाटक के हासन जिले और उसके पास गुरुवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.4 मापी गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने ये जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि कोडागू जिले में सोमवरपेट के निकट कई गांवों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसके बाद लोग डरकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए।

40-50 किमी के दायरे तक महसूस हुए झटके

कर्नाटक राज्य आपदा प्राधिकरण आयुक्त मनोज राजन के अनुसार, भूकंप का केंद्र हासन जिले के होलेनरसीपुरा तालुक में नागरनहल्ली ग्राम पंचायत के अंतर्गत मलूगनहल्ली गांव था। उन्होंने कहा कि भूकंप के झटके 40-50 किलोमीटर के दायरे तक महसूस किए गए।

अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार के भूकंप से स्थानीय लोगों को कोई नुकसान नहीं होता, हालांकि मामूली झटके आ सकते हैं। क्योंकि, भूकंप का केंद्र भूकंपीय क्षेत्र-II में पड़ता है, इसलिए ऐसे क्षेत्रों में भूकंप आने और नुकसान होने की आशंका कम होती है।

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आखिर क्यों आता है भूकंप ?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के अंदर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन 2 को सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

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किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

  • 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
  • वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
  • 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है, जैसे कोई ट्रक आपके पास से गुजर गया हो।
  • 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। इसके साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
  • 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
  • 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
  • 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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