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Maharashtra Political Crisis Update : क्या उद्धव बचा पाएंगे अपनी सरकार? शिंदे कर सकते हैं बीजेपी गठबंधन की मांग, कहा हिंदुत्व से समझौता नहीं

महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर सियासी संकट और गहरा गया है। ठाकरे के करीबी और राज्य के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे लगभग 20-25 विधायकों के साथ गुजरात चले गए हैं। शिवसेना का अपने विधायकों से कोई संपर्क नहीं है। वहीं सूत्रों का दावा है कि शिंदे और उनके समर्थन वाले विधायक शिवसेना को एनसीपी से गठबंधन तोड़ने की और बीजेपी से जुड़ने की शर्त रख सकते हैं। बताया जा रहा है कि शिवसेना में लगातार हो रही उपेक्षा से शिंदे नाराज चल रहे थे। शिंदे ने बयान दिया है कि वे हिंदुत्व के मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे।

ऐसा है महाराष्ट्र में सीटों का गणित

महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए होते हैं। शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब कुल 287 विधायक हैं। ऐसे में सरकार के लिए बहुमत 144 हो जाता है। दावा किया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद लगभग 20 विधायक शिवसेना से दूर हैं, ऐसे में सरकार बहुमत खो सकती है।

अमित शाह की एंट्री से गरमाई राजनीति

महाराष्ट्र में पैदा हुए सियासी संकट के बीच अमित शाह की एंट्री से राजनीति गरमा गई है। इस सियासी घटनाक्रम के बीच शाह जेपी नड्डा से मिलने उनके निवास पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के पूर्व सीएम भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस भी दिल्ली पहुंच रहे हैं।

शिंदे ने फोन उठाना किया बंद

पार्टी सूत्राें की मानें तो कल शाम से ही शिंदे ने उद्धव ठाकरे का फोन उठाना बंद कर दिया था। 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र सरकार में उद्धव सरकार को 8 निर्दलीय विधायकों समेत 169 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

गुजरात के एक होटल में मौजूद हैं एकनाथ शिंदे

ताजा जानकारी के अनुसार, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे अपने समर्थन वाले विधायकों के साथ गुजरात में हैं। शिंदे गुजरात के सूरत शहर में स्थित एक होटल में रुके हैं।

उद्धव ठाकरे ने बुलाई आपात बैठक

शिंदे और अन्य विधायकों के अचानक गुजरात चले जाने से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। इसे लेकर सीएम ठाकरे ने पार्टी के विधायकों और सांसदों की शाम को बैठक बुलाई है।

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शरद पवार के घर पर विपक्ष की बैठक

महाराष्ट्र में सियासी संकट को देखते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने समय से पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपने घर पर बैठक बुला ली। राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ अब महाराष्ट्र में बना सियासी संकट पवार के लिए दोहरी चुनौती है। पवार ने इस मामले पर मीडिया से कहा कि ये सरकार को अस्थिर करने की कोशिश है, उम्मीद है कि ठाकरे इसका कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल लेंगे।

महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भी लगा झटका

इसके साथ ही सोमवार को महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महा विकास आघाडी को बीजेपी ने एक और झटका देते हुए विधान परिषद की उन सभी 5 सीटों को जीत लिया, जिसपर अपने प्रत्याशी उतारे थे। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 2-2 सीटें मिलीं, वहीं कांग्रेस को एक ही सीट हासिल हो सकी। बता दें कि विधान परिषद की 10 सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें 11 उम्मीदवार खड़े थे।

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