इंदौर। शहर में दंगे भड़काने की साजिश करने वाले सैयद इरफान अली को खजराना पुलिस ने रिमांड पर लिया है। उस पर हिंदू संगठनों पर गोलियां चलाने का षड्यंत्र रचने का आरोप है। इसके अलावा, पुलिस इरफान से पाकिस्तानी कनेक्शन और हथियारों के संबंध में भी पूछताछ करेगी। कुछ दिन पहले तबीयत खराब होने पर पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था।
खजराना थाना पुलिस के मुताबिक, बाणगंगा में चूड़ीवाले तस्लीम के साथ मारपीट के बाद कोतवाली थाने का घेराव किया गया था। इस दौरान अल्तमश ने जावेद, इमरान और इरफान के साथ मिलकर हमले की साजिश रची थी। चारों की उम्र 20 से 30 साल के बीच है और ये सभी कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित हैं। पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने ये तय किया था कि 24 अगस्त को हिंदू संगठन के कार्यकर्ता जब रैली निकालकर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचेंगे तो गोलियां चलाकर दंगा भड़का देंगे।
भड़काऊ पर्चे बांटकर तालिबानी संदेश पहुंचा रहा था अल्तमश, निकाह से पहले पकड़ा
पाकिस्तानी ग्रुप पर भड़काऊ बातें करते थे
जांच में यह भी पता चला कि आरोपी पाकिस्तान के साथ वॉट्सएप ग्रुप से जुड़े थे। चैट पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने और अन्य तरह की धार्मिक बातें करते थे। इसके अलावा, ये भी सच पता किया जाएगा कि क्या उसने गोलियां चलाने के लिए हथियार खरीद लिए थे। पुलिस इरफान से इस संबंध में पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने पकड़ा तो तबीयत बिगड़ गई थी
घटना के बाद जब पुलिस ने इरफान को पकड़ा तो उसकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में जेल भेजना पड़ा। गुरुवार को कोर्ट से अनुमति लेकर आरोपी को रिमांड पर ले लिया है।
ये है मामला
दरअसल, 22 अगस्त को चूड़ी बेचने वाले तस्लीम अली की भीड़ ने पिटाई कर दी थी। जांच में सामने आया था कि तस्लीम अपना नाम छिपाकर चूड़ी बेच रहा था। उसके पास से दो आधार कार्ड और एक वोटर आई भी बरामद हुई थी। पुलिस का कहना था कि तस्लीम जिस घर में चूड़ी बेचने गया था, वहां नाबालिग लड़की को अकेला पाकर छेड़छाड़ की थी। इस मामले में उसे जेल भेजा गया है।