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April Fool’s Day 2022 : एक अप्रैल को ही क्यों मनाते हैं अप्रैल फूल डे? जानें इसके पीछे की मजेदार कहानी

अप्रैल की पहली तारीख को हर साल अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। ‘मूर्ख दिवस’ के दिन बच्चे हो या बूढ़े हर कोई एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने की खेल में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता है। इस दिन आप अपने दोस्तों, सहकर्मियों, रिश्तेदारों से मजाक कर सकते हैं और वो बुरा भी नहीं मानेंगे। हालांकि ये कम ही लोग जानते होंगे कि एक अप्रैल को ही मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह और इसका इतिहास?

ऐसे हुई शुरुआत

कहा जाता है कि साल 1381 से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी। इसके पीछे भी एक मजेदार कहानी है। दरअसल, इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी ऐनी ने सगाई का ऐलान किया और कहा कि इंगेजमेंट 32 मार्च 1381 को होगी। इस ऐलान के बाद लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। हालांकि, जब जश्न मनाने से लोगों को फूर्सत मिली तो एहसास हुआ कि कैलेंडर में 32 मार्च जैसी कोई तारीख ही नहीं है, तब जाकर उन्हें समझ आया वह तो बेवकूफ बन गए हैं। इसके बाद से ही लोगों ने हर साल एक अप्रैल को Fool’s Day मनाना शुरू कर दिया।

नया साल मनाने वालों को कहा गया था अप्रैल फूल्स!

April Fool’s Day से जुड़ी एक अन्य मान्यता के अनुसार इसकी शुरुआत फ्रांस से हुई। कहा जाता है कि साल 1582 में चार्ल्स पोप ने पुराने कैलेंडर को बदल कर उसकी जगह नया रोमन कैलेंडर लागू किया था। इसके बावजूद बहुत सारे लोग पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही चलते रहे और उसके मुताबिक 1 अप्रैल को नया साल मनाते रहे। इसी वजह से उनपर काफी चुटकुले बनाए गए और उन पर मजाक भी किया गया। कहा जाता है कि यहीं से अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत हो गई।

भारत में कब से हुई इसे मनाने की शुरुआत?

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में 19वीं सदी में अंग्रेजों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। उसके बाद से हर साल 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाने लगा। पिछले कुछ सालों से इसे मनाने का क्रेज बढ़ गया है। सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़े मीम्स जोक्स जमकर वायरल होते हैं।

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