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सेहतमंद दिल के लिए अब पिलाटे, रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज का ट्रेंड

वर्ल्ड हार्ट डे : डॉक्टर्स का सुझाव, चुनें लो इंपैक्ट वर्कआउट

प्रीति जैन। वर्कआउट के तरीकों को लेकर लोगों के बीच में अवेयरनेस बढ़ रही है। सभी अपनी लंग्स व हार्ट की सुरक्षा के लिए सेहतमंद रहना चाहते हैं। कई लोग इसके लिए हाई-इंटेसिटी वर्कआउट को प्रिफर करते हैं लेकिन अब लो-इंपैक्ट वर्कआउट को भी प्रिफर किया जा रहा है ताकि हार्ट पर अचानक लोड न बढ़े और सुरक्षित ढंग से वर्कआउट भी हो जाए। इसके लिए अब बच्चे, महिलाएं व सीनियर सिटीजंस पिलाटे और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज को चुन रहे हैं।

पिलाटे की बात करें तो इसमें सांसों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और तनाव को कम करता है। इससे कॉलेस्ट्रोल नियंत्रित होता है जिससे हार्ट हेल्थ भी अच्छी रहती है। लो- इंपैक्ट वर्कआउट सभी की एज के मुताबिक डिजाइन किए जाते हैं जिससे ब्लड सकुर्लेशन व हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता जाता है।

लो इंपैक्ट वर्कआउट करना ज्यादा सुरक्षित

यह बात ठीक है कि लो-इंपैक्ट वर्कआउट सुरक्षित है और इसमें पिलाटे व रजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज अच्छा विकल्प हैं। हेल्दी खाने के साथ खाने की सही टाइमिंग भी जरूरी है। जापानी साइंटिस्ट योशिनोरी ओशुमी को बॉडी सेल पर रिसर्च के लिए नोबेल दिया गया था क्योंकि उन्होंने सेल्फ ईटिंग या ऑटोफैगी प्रोसेस को नए तरीके से समझाया था, जिसमें बताया गया था कि फास्टिंग से बैड सेल्स खत्म होने लगती हैं। -डॉ. आरके सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट

पिलाटे से रहती हूं फिट

मैं योग तो सालों से कर ही रही हूं लेकिन मैंने इंटेंसिटी बढ़ाने के लिए पिलाटे शुरू किया जिससे टोनिंग के साथ ही लंग्स कैपेसिटी बेहतर हुई। जब ऑक्सीजन सप्लाई वर्कआउट से बढ़ती है तो फिर हार्ट भी स्वस्थ रहता है। इससे कैलोरी बर्न होती हैं और अचानक से वर्कआउट के दौरान होने वाली थकान भी नहीं होती। हार्ट अटैक के मामले कई बार वर्कआउट के दौरान भी सुनने के मिलते हैं लेकिन लो-इंपैक्ट वर्कआउट से ऐसा खतरा नहीं रहता। इसके साथ ही रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज का भी ट्रेंड बढ़ा है। -मनीषा आनंद, मिसेज सेंट्रल इंडिया

पुरुष भी सीख रहे पिलाटे

पिलाटे, स्वीमिंग, साइकलिंग और ब्रिस्क वॉक नियमित रूप से करने से कैलोरी बर्न होती है, जो वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और तनाव को कम करता है। फिटनेस लवर्स हैवी वर्कआउट की जगह अब लो इंपैक्ट वर्कआउट भी प्रिफर कर रहे हैं। वहीं महिलाओं का यह पसंदीदा बन रहा है। पहले पुरुष पिलाटे में कम होते थे, लेकिन अब उनका रुझान भी इस वर्कआउट की तरफ बढ़ रहा है। -प्रीति सबनानी, पिलाटे एक्सपर्ट

मैं हर दिन 60 से 70 लोगों को योग सीखा रही हूं, जिसमे से कई लोग जिम वर्कआउट की जगह इसे चुन रहे हैं। स्ट्रेचिंग और स्ट्रैथनिंग के लिए हाई इंपैक्ट योगा से भी हार्ट हेल्थ अच्छी रहती है। पावर योगा एडवांस लेवल पर पहुंचने वाले लोग सीखते हैं। अचानक हैवी वर्कआउट योग में भी करना ठीक नहीं। चरणबद्ध तरीके से अपनी शरीर को तैयार करके वर्कआउट करेंगे तो शरीर पर लोड भी नहीं आएगा और कार्डियो हेल्थ अच्छी रहेगी। इसका ट्रेंड अब बढ़ रहा है। – जानकी भदौरिया, योग इंस्ट्रक्टर

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