भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल निगम की बैठक में हंगामा : हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाएगा हलालपुर बस स्टैंड, नाम बदलने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

भोपाल नगर निगम परिषद की दूसरी बैठक का आयोजन शुक्रवार को आईएसबीटी परिसर स्‍थित निगम मुख्‍यालय में हुआ। सुबह तकरीबन 11.30 बजे शुरू हुई इस बैठक में विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते दो बार सदन की कार्रवाई रोकनी पड़ी।

बैठक में कई प्रस्ताव हुए पारित

भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने नगर निगम भोपाल की परिषद बैठक में तीन प्रस्ताव दिए थे। सभी सर्वसमति से पास हो गए। इस पर सदन ने तालियां बजाकर स्वागत किया। हलालपुर बस स्टैंड अब हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाएगा। वहीं हलालपुर बस्ती अब हनुमान गढ़ के नाम से जाना जाएगा। लालघाटी चौराहा का नाम बदलकर श्री महेंद्रनारायण दास सर्वेश्वर चौराहा कर दिया गया है।

बैठक में सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी पहुंची।

लालघाटी चौराहे पर हुई कई हत्याएं : सांसद

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, हम गुलामी का प्रतीक हटाकर पुन: भारत का इतिहास बदलने का दम रखते हैं। हम भोपाल का भी इतिहास बदलने और पुन: निर्माण करने के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हलाल नाम अशुद्ध है। इसे हटाया जाना चाहिए। मेरा प्रस्ताव और अनुशंसा है कि हलालपुरा बस स्टैंड का नाम हनुमानगढ़ी बस स्टैंड रखा जाए। लालघाटी चौराहे पर कई हत्याएं हुई हैं। कई वीर-वीरांगानाएं शहीद हुईं। इसलिए हम उसे याद नहीं करते हुए नमन करें और चौराहे का नाम श्री महेंद्रनारायण दास जी महाराज सर्वेश्वर चौराहा रखा जाए।

जोन गठन और पानी का मुद्दा उठाया

वार्ड 41 से कांग्रेसी पार्षद मोहम्‍मद सगीर ने सबसे पहले जोन गठन का मामला उठाते हुए कहा कि इस पर जो विवाद उठ रहे हैं, उस पर स्‍थिति स्‍पष्‍ट की जानी चाहिए। सगीर ने पानी का भी मुद्दा उठाया। एमआईसी सदस्‍य रवींद्र यति जब इस पर जवाब देने के लिए खड़े हुए और उन्‍होंने बोलना शुरू किया, तो दोनों के बीच किसी बात को लेकर तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई। सड़क-पानी के मुद्दे का प्रस्ताव बैठक की कार्यसूची में नहीं रखने पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया।

अवैध टावर और फिल्‍म शो पर टैक्स का मामला

गुरुवार को आयोजित नगर निगम परिषद की बैठक में लगातार बढ़ते अवैध टावर और डीजल चोरी का मामला छाया रहा। वार्ड 42 के पार्षद अजीजुद्दीन ने भोपाल स्थित सिनेमाघरों के सिंगल स्क्रीन का टैक्स बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया और उन्होंने मप्र की अन्य जिलों की भी जानकारी मांगी। अन्य जिलों की जानकारी देने से सभापति ने मना कर दिया और कहा कि नगर निगम में केवल भोपाल जिले की ही जानकारी दी जा सकती है।

सभापति ने भोपाल में एक के बाद एक बंद होते सिनेमाघरों पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी संस्थाओं का संरक्षण जरूरी है। इसके बाद अजीजुद्दीन ने भोपाल में जगह-जगह लगे जियो टावर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसके गिरने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इनका जिम्मेदार कौन होगा। सभापति ने इस पर अवैध टावरों को चिन्हित कर नगर निगम को इन्हें हटाने की व्यवस्था करने को कहा।

सीवेज वाहनों से चोरी हो रहा है डीजल

वार्ड 23 की पार्षद लईका रफीक कुरैशी ने पूछा की सीवेज वाहनों को प्रतिदिन कितना डीजल दिया जाता है और इसे किसी अधिकारी द्वारा चेक किया जाता है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने आरोप लगाया कि जितना डीजल जारी होता है। उतना वाहनों तक नहीं पहुंचता। इस पर जब एमआईसी राजेश हिंगोरानी ने डीजल वाहनों की जानकारी दी तो पार्षद सगीर ने कहा कि केवल सीवेज वाहनों की जानकारी मांगी जा रही है। सगीर ने कहा कि ड्राइवरों को जितना डीजल दिया जा रहा है। उसका ड्राइवर उपयोग कर रहे हैं या नहीं इसकी जांच होना चाहिए।

हंगामा करते हुए सभी धरने पर बैठे कांग्रेसी पार्षद।

कांग्रेसी पार्षद तख्तियां लेकर धरने पर बैठे

परिशिष्ट के विषय क्रमांक-3 को भी सदन में हंगामा हुआ। मो. सगीर ने इसे फिर से पढ़वाने की बात कही। जबकि सभापति का कहना था कि इसको पढ़वाया जा चुका है। जब सभी कांग्रेसी पार्षद सदन में तख्तियां लेकर धरने पर बैठे। तब इसे पढ़वाया गया। दरअसल, इस विषय में लालघाटी से सुल्तानिया इनफ्रेंटी लाइन्स तक के मार्ग का नाम ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के नाम पर किए जाने संबंधी प्रस्ताव एमआईसी की अनुशंसा सहित निगम परिषद को विचारार्थ प्राप्त हुआ है।

बीजेपी पार्षदों की बैठक पर हुए खर्च को लेकर हंगामा

भोपाल निगम के कुल 58 बीजेपी पार्षदों की होटल में हुई बैठक में 2.90 लाख रुपए खर्च हुए। इसे लेकर कांग्रेस ने सदन में सवाल लगाया था। इतनी अधिक राशि खर्च होने पर कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा किया। उन्होंने कहा कि आगे से हम भी फाइव स्टार होटल में मीटिंग कर लेंगे और बिल लगा देंगे। यह परंपरा गलत है। इसके बाद एमआईसी मेंबर सुषमा बाबीसा ने खुद अध्यक्ष सूर्यवंशी से कहा कि कोई भी बैठक होटल में नहीं करने दी जाए। निगम ऑफिस में ही बैठक हो।

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