
महाराष्ट्र के सांगली जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां ग्रामीणों ने ‘बच्चा चोर’ समझकर 4 साधुओं की बेरहमी से पिटाई कर दी। पुलिस के अनुसार चारों साधु उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं और कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

क्या है पूरा मामला
यह घटना सांगली के जाट तहसील के लवंगा गांव की है, यूपी के रहने वाले चार साधु एक कार में कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर के मंदिर की ओर जा रहे थे। वे सोमवार को गांव में एक मंदिर में रुके थे। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मंगलवार को यात्रा फिर से शुरू करते समय उन्होंने एक लड़के से रास्ता पूछा था। इससे कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं। इसके बाद कुछ ग्रामीणों ने साधुओं को गाड़ी से उतारकर उनके ऊपर लाठी डंडे बरसाने शुरू दिए।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) September 14, 2022
वहीं पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और पूछताछ में पाया कि साधु वास्तव में उत्तर प्रदेश के एक ‘अखाड़े’ के सदस्य थे। पुलिस ने सभी साधुओं को अस्पताल में भर्ती कराया है। अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।
भाषा नहीं समझ पाने की वजह से हुआ संदेह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रास्ते से जाते वक्त वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत में एक दूसरे की स्थानीय भाषा नहीं समझ पाने की वजह से मामला बिगड़ गया और लोगों ने साधुओं की पिटाई कर दी।
2 साल पहले पालघर में हुई थी साधुओं की हत्या
महाराष्ट्र के पालघर जिले में 16 अप्रैल 2020 को भी ऐसी ही घटना हुई थी। यहां भी बच्चा चोरी के शक में दो साधुओं और एक ड्राइवर की बेरहमी से पिटाई की गई थी। भीड़ ने 70 साल के साधु कल्पवृक्ष गिरी और 35 साल के साधु सुशील गिरी के साथ उनके ड्राइवर नीलेश तेलगाडे की हत्या कर दी थी। दोनों साधु वाराणसी के जूना अखाड़ा के थे और वे सूरत में महंत श्री राम गिरी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया था।
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