
उज्जैन/भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आज सामूहिक अवकाश पर हैं। इस दौरान सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी जैसे हालात नजर आए। मध्य प्रदेश अधिकारी एवं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 6 अन्य कर्मचारी संघों के साथ मिलकर अपनी 39 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर है। भोपाल में लगभग 20 से ज्यादा सरकारी दफ्तर आज सूने नजर आए। इस दौरान कर्माचारियों और अधिकारियों ने कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।

क्या है प्रमुख मांगें ?
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह के मुताबिक, पुरानी पेंशन बहाली, शीघ्र पदोन्नति, हाउस रेंट, मेडि क्लेम सुविधा, लिपिक वर्ग को मंत्रालय के समान ग्रेड पे दिए जाने की मांग को लेकर सामूहिक अवकाश पर हैं। इसका असर सभी अदालतों, तहसील कार्यालयों, जनपद कार्यालयों, कलेक्टर ऑफिस, कोषालय और पंजीयन कार्यालयों पर देखने को मिला।
रैली निकालकर जताया विरोध
उज्जैन में सुबह टावर चौक से रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी वेतन भत्ते और पुराने पेंशन योजना बहाल करने सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने आज तक उनकी मांगें मंजूर नहीं की। जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।

जिसके चलते आज पूरे प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं, जिसमें उज्जैन भी शामिल हैं। यहां भी नाराज अधिकारीयों और कर्मचारियों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले टावर चौक पर एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
कर्मचारी नेता देवेंद्र व्यास ने बताया कि यदि सरकार ने हमारी वाजिब मांगें मंजूर नहीं की तो, अगले माह प्रदेश के समस्त अधिकारी और कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) August 25, 2023
(इनपुट – संदीप पांडला)