भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का 4 दिवसीय मानूसन सत्र आज से शुरू हो गया है और इसी के साथ सदन में हंगामा देख कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। दरअसल, सत्र के शुरू होते ही विपक्ष ने आदिवासियों के मुददे पर जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने आदिवासी दिवस पर अवकाश न होने पर हंगामा किया। कांग्रेस के विधायक सज्जन सिंह वर्मा, जयवर्धन सिंह, कमलेश्वर पटेल, बाला बच्चन, हनी बघेल सदन से बाहर निकल गए और परिसर में लगी गांधी प्रतिमा के सामने बैठ गए।
कांग्रेस विधायक मरकाम पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे और भूख हड़ताल पर बैठे
इधर, विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कांग्रेस के विधायक ओमकार सिंह मरकाम पारंपरिक वेशभूषा में विधानसभा पहुंचे। वह पीले कुर्ते और धोती पहन कर सदन में आए। विधायक मरकाम भी विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश न होने का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने कहा कि आज वह सत्र में शामिल नहीं होंगे और गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर भूख हड़ताल कर विरोध करेंगे।
15 नवंबर को मनाया जाएगा प्रदेश में जनजाति गौरव दिवस : शिवराज
इधर, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि 15 नवंबर को प्रदेश में जनजाति गौरव दिवस मनाया जाएगा। जनजाति परंपराओं के लिए हम विशेष अभियान चलाएंगे। सीएम ने विधानसभा में हुए हंगामे पर आरोप लगाया है कि विपक्ष आदिवासियों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। सत्र के पहले दिन ही सदन की परंपराएं तार-तार कर दी। दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि का कार्यक्रम बाधित किया।
बता दें कि विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र 4 दिनों तक चलेगा। मानसून सत्र में वित्तीय वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान (बजट) पेश किया जाएगा। सदन में मिलावटी शराब पर सख्त सजा के लिए संशोधन विधेयक पर भी मुहर लग सकती है। इस संशोधित विधेयक में बार-बार मिलावटी शराब का कारोबार करने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। इसमें जुमार्ने की राशि 25 लाख रखी जाएगी।
उधर, सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल कांग्रेस ने बाढ़ जैसी आपदा पर चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस पर निर्णय कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लिया जाएगा। विस अध्यक्ष गौतम ने कहा कि आमतौर पर सदन में विधायकों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने के लिए अससंदीय शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। झूठा जैसा शब्द असंवेदनशील है। उन्होंने कहा कि फिल्मी अभिनेताओं को रीटेक का मौका मिलता है, लेकिन विधायकों को सदन में गलत बात कहने पर रीटेक का मौका नहीं मिलता। इसलिए सदन में असंसदीय शब्दों के उपयोग को रोकने के लिए वाक्यांश संग्रह तैयार किया गया है। विधायकों को सदन में अब अपनी बात रखते समय शब्दों के चयन और भाषा की मर्यादा का ध्यान रहना होगा। असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं करेंंगे।
सदन की कार्यवाही देखकर बच्चों ने कहा था-मछली बाजार
सीएम चौहान ने कहा कि सदन की कार्यवाही देखने कॉलेजों के बच्चे भी आते हैं, लेकिन वे कार्यवाही देखकर निराश होते हैं। बच्चों से जब मैंने सदन की कार्यवाही के अनुभव को लेकर पूछा था, तब एक छात्र ने यह टिप्पणी की थी। ये तो मछली बाजार बना हुआ है। क्यों समझाना पड़ रहा: नाथ कमलनाथ ने कहा कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। प्रजातंत्र की नींव लोकसभा और विधानसभा है। सदन में अनेकता में एकता हर बार दिखाई देती है। एक झंडे के नीचे सभी विविधताएं एक सूत्र में बंध जाती हैं। फिर हमें किताब के जरिए असंसदीय शब्दों को क्यों समझाना पड़ रहा है, यह तो सदस्य को अपने विवेक से समझना होगा।