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आजीविका मिशन के महिला समूह इस बार भी करेंगे गेहूं खरीदी

इस साल समूहों के स्थान पर ग्राम संगठनों को काम देने का निर्णय शासन ने लिया था, बदला आदेश

भोपाल। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला स्व सहायता समूहों को गेहूं उपार्जन का काम दिया जाएगा। इस संबंध में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। समूहों को इस साल खरीदी का काम देने को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। पिछले दिनों संगठनों की महिलाओं ने खाद्य मंत्री को ज्ञापन दिए थे और पीपुल्स समाचार ने इस संबंध का समाचार 4 मार्च को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने चार साल पहले निर्णय लिया था कि ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूहों को गेहूं और धान उपार्जन का काम दिया जाएगा।

ऐसा होता है ग्राम संगठन

पिछले सालों से करीब 400 समूहों को विभिन्न जिलों में खरीदी की जिम्मेदारी दी जा रही है, लेकिन इस साल समूहों के स्थान पर ग्राम संगठनों को काम दिए जाने का निर्णय लिया गया। ग्राम संगठन का गठन एक हजार महिलाओं से होता है जबकि समूहों में 15-20 महिलाएं होती हैं। आजीविका मिशन में पांच लाख स्व सहायता समूह हैं।

आजीविका मिशन ने रखा पक्ष, मंत्री ने दिया आश्वासन

हाल ही में खाद्य और पंचायत तथा ग्रामीण विकास सहित अन्य विभागों की बैठक बुलाई गई थी। इस मौके पर ग्रामीण आजीविका मिशन ने खरीदी के संबंध में अपना पक्ष रखा था कि महिला समूह गेहूं-धान की खरीदी का काम अच्छे से कर रही हैं, उन्हें गेहूं खरीदी का काम दिया जाना चाहिए। वहीं, खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत ने भी महिला समूहों को खरीदी केंद्र बनाने का आश्वासन दिया था।

ये शर्तें पूरी करनी होंगी

खाद्य विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को जारी आदेश में कहा है कि उन महिला समूहों को खरीदी की सहमति दी जाएगी जिन्होंने एक साल पहले एनआरएलएम में पंजीयन कराया हो। समूहों अथवा ग्राम संगठनों के खाते में कम से कम दो लाख रुपए जमा होने चाहिए। समूह में सभी सदस्य अथवा पदाधिकारी महिलाएं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले साल गेहूं और धान उपार्जन के नाम पर कुछ महिला समूहों की खरीदी केंद्रों में गड़बड़ियां मिलीं थीं।

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