
अहमदाबाद। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का अहमदाबाद में हुआ भयावह क्रैश अब तक का सबसे त्रासद और दुखद विमान हादसा बनकर सामने आया है। इस दुर्घटना में 241 लोगों की मौत हो चुकी है और कई परिवारों के सपने और घर उजड़ गए हैं। हादसे में न सिर्फ विमान सवार यात्रियों की जान गई, बल्कि जमीन पर मौजूद इमारतों और लोगों को भी गंभीर नुकसान हुआ।
जांच एजेंसियां सक्रिय, घटनास्थल पर पुलिस-मीडिया की मौजूदगी
घटना के कई दिन गुजरने के बावजूद, अहमदाबाद के उस इलाके में अब भी खामोशी पसरी है, जहां यह हादसा हुआ था। पीपुल्स अपडेट की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची, तो वहां आम लोगों की चहल-पहल खत्म हो चुकी थी। चारों ओर सिर्फ जांच एजेंसियों, पुलिस बल और मीडिया की आवाजाही देखी गई।
AIB ने जांच की कमान संभाली
AIB (एयरक्राफ्ट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) ने हादसे की जांच अपने हाथ में ले ली है। टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीमें विमान के टेकऑफ से लेकर क्रैश होने तक की हर गतिविधि की बारीकी से जांच कर रही हैं। साथ ही स्थानीय पुलिस, फॉरेंसिक विभाग और अन्य एजेंसियां भी इस जांच में सहयोग कर रही हैं।
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने की समीक्षा, परिजनों से की मुलाकात
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सिविल हॉस्पिटल पहुंचकर मोर्चरी में चल रही डीएनए जांच और शवों की पहचान प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने मेडिकल स्टाफ से जानकारी ली और मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
डीएनए जांच के भरोसे परिजन
हादसे में अधिकांश शव बुरी तरह जल और क्षत-विक्षत हो चुके हैं, जिस कारण पहचान मुश्किल हो रही है। सिविल हॉस्पिटल, अहमदाबाद के मोर्चरी कॉम्प्लेक्स में लगातार डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं।
- 12 टीमें शिफ्टों में डीएनए मिलान का काम कर रही हैं।
- 250 ब्लड सैंपल लिए गए।
- इनमें से 62 डीएनए मैच हुए।
- 27 पार्थिव देह डीएनए के आधार पर और 8 अन्य बिना डीएनए मैच के सौंपे गए।
- अब तक कुल 35 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
- अब केवल 3 यात्रियों के रिश्तेदारों के ब्लड सैंपल लेना शेष है, जो UK में रहते हैं और अगले 2-3 दिनों में भारत पहुंचेंगे।
विजय रूपाणी का शव परिजनों को सौंपा
- इस भयावह हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हुई है।
- डीएनए जांच से पुष्टि के बाद उनका शव परिजनों को सौंपा गया है।
- उनका अंतिम संस्कार कल सुबह 11:00 बजे राजकोट में किया जाएगा।
- उनके निधन से गुजरात की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था में शोक की लहर दौड़ गई है।
(अहमदाबाद से जितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)