ताजा खबरराष्ट्रीय

Haryana Floor Test : हरियाणा में नायब सैनी सरकार का फ्लोर टेस्ट आज, CM सैनी का दावा- 48 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा

चंडीगढ़। हरियाणा की नायब सिंह सैनी की सरकार आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करेगी। इसके लिए सुबह 11 बजे से विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। इस दौरान सैनी सरकार अपना बहुमत साबित करेगी। मुख्यमंत्री सैनी ने दावा किया है कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है। सत्र से पहले नए सीएम नायब सैनी ने विधायक दल की मीटिंग बुलाई है, जिसमें भाजपा के 41 विधायकों के साथ 7 निर्दलीय विधायक भी शामिल होंगे।

हरियाणा के 11वें सीएम बने नायब सिंह सैनी

अभी तक भाजपा, जजपा के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार चला रही थी, लेकिन लोकसभा सीटों में बंटवारे पर बात नहीं बनने की वजह से भाजपा ने मंगलवार (12 मार्च) को गठबंधन तोड़कर निर्दलीयों के सहारे नई सरकार बना ली है। जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन तोड़ते हुए मनोहर लाल खट्टर ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ मंगलवार (12 मार्च) को इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

सीट शेयरिंग को लेकर टूटा गठबंधन

JJP लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 1 से 2 सीटें मांग रही थी जबकि BJP का केंद्रीय नेतृत्व और राज्य संगठन सभी 10 सीटों पर खुद लड़ने के पक्ष में है। इसी वजह से गठबंधन टूटा है। JJP के राष्ट्रीय महासचिव और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दिल्ली में सोमवार को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मिले थे, लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी।

हरियाणा विधानसभा का गणित क्या है?

हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए। भाजपा ने 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में 90 सीटों में से 40 सीटें जीती थीं। लेकिन वह बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई थी। वहीं कांग्रेस को 31 सीटें मिली थीं। इसके अलावा जनता जननायक पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली थी, भाजपा ने जजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

हरियाणा में जजपा से गठबंधन टूटा लेकिन बहुमत भाजपा के ही पास है। हरियाणा में भाजपा के पास खुद के 41 MLA हैं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का भी उसे समर्थन हासिल है यानी भाजपा के पास 48 विधायक हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए।

हरियाणा विधानसभा में दलगत स्थिति

दल     विधायक
भाजपा 41
कांग्रेस 30
जजपा 10
हलोपा 01
इनेलो 01
निर्दलीय 07
कुल संख्या 90

हरियाणा में OBC को साधने की प्लानिंग

जाटलैंड के रूप में पहचाने जाने वाले हरियाणा में 22.2% जाट वोटरों के बाद दूसरे नंबर पर OBC वोट बैंक है। प्रदेश की कुल आबादी में OBC 21% हैं। ऐसे में OBC फैक्टर चुनाव में अहम रोल निभाता है। हरियाणा में BJP हमेशा से नॉन जाट की राजनीति करती आई है और सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने ओबीसी बोट बैंक को साधने की प्लानिंग की है। इससे पहले खट्टर भी नॉन जाट नेता थे, जिन्हें पहली बार विधायक बनते ही सीधे सीएम बना दिया गया था। उन्हें पार्टी ने लगातार दो टर्म तक सीएम बनाया, हालांकि ये अलग बात है कि अपना दूसरा कार्यकाल पूरा होने से थोड़े दिन पहले ही वे भाजपा की फेरबदल की राजनीति की भेंट चढ़ गए।

सैनी का “नायब” से “सदर” बनने का सफर

नायब सिंह सैनी 25 जनवरी 1970 को अंबाला के गांव मिर्जापुर माजरा में जन्मे थे। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से LLB की डिग्री ली। इसके बाद राजनीति में उतरे। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े। नायब सिंह को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का करीबी माना जाता है और सरकार में सीएम बनने से पहले उनका रूतबा नायब (डिप्टी) सीएम जैसा था। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर बीजेपी के साथ 1996 से बतौर युवा कार्यकर्ता के तौर पर शुरू किया। 2002 में वे युवा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी (BJP) अंबाला से जिला महामंत्री बने। 2005 में युवा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष का पद भी संभाला। 2009 में उन्हें बीजेपी के किसान मोर्चा में प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी मिली। 2012 में वह जिलाध्यक्ष बने और 2014 में नायब नारायण गढ़ विधानसभा से विधायक बने। 2016 में वे हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री रहे।

मंत्री और सांसद भी रहे

2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से उतारा। नायब सैनी यहां से जीतकर पहली बार सांसद बने। पार्टी ने जाट समुदाय से आने वाले ओमप्रकाश धनखड़ को हटाकर 27 अक्टूबर 2023 को नायब सैनी को हरियाणा BJP का अध्यक्ष बनाया था। और प्रदेश अध्यक्ष बनने के पांच महीने बाद उन्होंने सीधे सीएम पद की शपथ ले ली। अपने 28 साल के राजनीतिक करियर में नायब अब एक ऐसी मिसाल बन गए हैं जिसने सिय़ासी सफलता के नए प्रतिमान गढ़े हैं। वे अब बीजेपी के उन मुख्यमंत्रियों की जमात का हिस्सा बन गए हैं जो पार्टी द्वारा कई गुना ज्यादा अनुभवी नेताओं को दरकिनार करने के बाद अपने सूबे के सदर बने हैं।

ये भी पढ़ें- VIDEO : हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री बने नायब सैनी, शपथ से पहले मंच पर पूर्व CM खट्‌टर के छुए पैर, जानें “नायब” से “सदर” बनने का सफर

संबंधित खबरें...

Back to top button