
I am Bhopal । कला की कोई सीमा नहीं होती और कोई विचार दिमाग में आने पर कलाकार उसे मूर्त रूप देने की कोशिश करने लगते हैं। भोपाल में ऐसे ही कुछ कलाकार हैं जो हटकर आर्ट वर्क करते हैं जिसे देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। कोई हजारों लोहे की कीलों से लकड़ी के कैनवास पर देश की महान शख्सियतों को उकेरता है तो कोई बांस के जरिए मंदिर, पशु-पक्षी और जंगल के नजारे पेश करता है। इस तरह के काम में महीनों की मेहनत और कई रातें लग जाती हैं तब जाकर कलाकार अपने मन-मस्तिष्क में बुने चित्र के साकार कर पाता है। ऐसे ही दो कलाकारों की महीनों की मेहनत से किए गए काम को पेश कर रहे हैं, वर्ल्ड आर्ट डे के मौके पर।
बाइक की 6 चेन और लोहे की कीलों से बनाया पोर्ट्रेट
युवा आर्टिस्ट इमरान खान कहते हैं, बचपन से मुझे पेंटिंग का शौक है, पिताजी फर्नीचर बनाने का काम करते थे तो मुझे लकड़ी और कीलों से वास्ता पड़ता ही था। वहीं से मुझे आइडिया आया कि क्यों न कुछ नया क्रिएट किया जाए। हाल में मैंने 7200 कीलों से बाबा साहेब अंबेडकर का पोर्ट्रेट तैयार किया है, साथ ही इसमें बाइक की 6 चैन को जोड़कर भारत का नक्शा बनाया है। जिसे एक लकड़ी के बोर्ड पर तैयार किया है, इसे बनाने में एक महीने का समय लगा है।
बांस को छीलकर व काटकर बनाते हैं मंदिर और पशु-पक्षी
मप्र हस्तशिल्प व हथकरघा निगम के विश्वकर्मा स्टेट अवॉर्ड विजेता धर्मेंद्र रोहर ने बांस से अयोध्या का राम मंदिर तैयार किया है जिसे बांस को छीलकर और कटिंग करके तैयार किया है। धर्मेंद्र कहते हैं, इसे बनाने से पहले स्केचिंग करता हूं और फिर नापते हुए डिजाइन बनाता हूं। मैं अपनी इच्छा से बिना किसी की डिमांड का इंतजार किए कलाकृतियां तैयार करता हूं यदि किसी को पसंद आ गई तो लेता है वरना में प्रदर्शनियों व अवॉर्ड के लिए इन्हें एंट्रीज में भेजता हूं। इसके अलावा 2 फुट की ऊंचाई और 4 फुट की चौड़ाई वाला बाज भी तैयार किया है। इसे कपड़े, घास, तार और बांस से बनाया है। इसे भी अवॉर्ड एंट्री के लिए भेजूंगा।