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महामंडलेश्वर की पदवी के लिए ममता कुलकर्णी ने दिए 10 करोड़! बाबा रामदेव और धीरेंद्र शास्त्री को दिया करारा जवाब

नई दिल्ली। 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में हैं। महाकुंभ के दौरान उन्हें किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर की पदवी दी गई थी, जिसे लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। योग गुरु रामदेव बाबा और बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री सहित कई संतों ने इस निर्णय का विरोध किया था। बढ़ते विवाद के चलते सिर्फ 7 दिनों में ही ममता कुलकर्णी से महामंडलेश्वर की उपाधि वापस ले ली गई।

अब, पदवी छिनने के बाद ममता कुलकर्णी ने ‘आपकी अदालत’ में शिरकत की और तमाम आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने रामदेव बाबा और बागेश्वर धाम के विरोध पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी।

रामदेव बाबा के बयान पर ममता का जवाब

योग गुरु रामदेव बाबा ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि कोई एक दिन में संत नहीं बन सकता। आजकल किसी को भी पकड़कर महामंडलेश्वर बना दिया जा रहा है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा कि रामदेव बाबा को महाकाल और महाकाली से डरना चाहिए।

बागेश्वर धाम पर भी साधा निशाना

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी की महामंडलेश्वर पदवी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी महामंडलेश्वर नहीं बनाया जाना चाहिए। यह पद केवल उन्हीं को मिलना चाहिए, जिनके अंदर संत भाव हो।

इसका जवाब देते हुए ममता कुलकर्णी ने धीरेंद्र शास्त्री को उनकी उम्र याद दिलाई। उन्होंने कहा, “धीरेंद्र शास्त्री जितने साल के हैं, उतने साल मैंने तपस्या की है। मैं उनसे बस इतना कहना चाहती हूं कि अपने गुरु से पूछिए कि मैं कौन हूं और चुपचाप बैठ जाइए।”

10 करोड़ देकर महामंडलेश्वर बनने के आरोप पर सफाई

कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि ममता कुलकर्णी ने 10 करोड़ रुपए देकर महामंडलेश्वर की पदवी हासिल की थी। इस पर सफाई देते हुए ममता ने कहा, “मेरे पास 10 करोड़ तो क्या, 1 करोड़ भी नहीं हैं। मेरे सभी बैंक अकाउंट सीज हैं। मैंने सिर्फ 2 लाख रुपए उधार लेकर गुरु भेंट दी थी।”

मैं कभी महामंडलेश्वर नहीं बनना चाहती थी

ममता कुलकर्णी ने यह भी खुलासा किया कि वह कभी महामंडलेश्वर नहीं बनना चाहती थीं, लेकिन किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के दबाव में आकर उन्होंने हामी भरी थी।

पिछले 23 साल से कोई एडल्ट फिल्म नहीं देखी

अपने साध्वी बनने के सफर पर बात करते हुए ममता ने कहा कि पिछले 23 सालों से उन्होंने कोई भी एडल्ट फिल्म नहीं देखी है। उन्होंने बताया कि वह आध्यात्मिक मार्ग पर चल रही हैं और उनका लक्ष्य सिर्फ आध्यात्मिक शांति प्राप्त करना है।

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