ग्वालियरमध्य प्रदेश

ग्वालियर में संघ की गणवेश में गणपति बप्पा, कांग्रेस बोली- RSS का कार्यकर्ता बना दिया

भाजपा ने पलटवार किया, कहा- कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है

ग्वालियर। शहर के आपागंज शीतला कॉलोनी में गणेशजी की झांकी चर्चा में आ गई। यहां श्रीगणेश को RSS (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के गणवेश में बैठाया गया है। पीछे भारत माता का पोस्टर लगा है। मामले में कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि राजनीतिक फायदे के लिए श्रीराम के बाद अब श्रीगणेश का भी उपयोग कर लिया और उन्हें RSS का कार्यकर्ता बना दिया। वहीं, भाजपा ने भी कांग्रेस पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वालों को पुरस्कार देने का आरोप लगाया है।

दरअसल, ग्वालियर के इस इलाके में अच्छा खासा आवागमन रहता है। एक पंडाल में गणपति महोत्सव में भगवान श्रीगणेश को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गणवेश में दिखाया गया है। उनका वाहन मूषक (चूहा) भी RSS के गणवेश में है और संघ की दोनों ध्वज प्रणाम परंपरा की मुद्रा में हैं। गणेशजी की मूर्ति के पीछे शेर पर सवार भारत माता का बड़ा सा पोस्टर लगाया है। कांग्रेस को जानकारी मिली तो इसे लेकर RSS को गांधीजी का हत्यारा और भगवान के नाम पर चंदा लेने और उनके नाम का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। गणेशजी को RSS का कार्यकर्ता बनाने का आरोप लगा दिया।

भगवान गणेश की महाआरती कर सीजे ने लगाया 51 किलो लड्डुओं का भोग

हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वालों को पुरस्कृत करती कांग्रेस: भाजपा

भाजपा प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया और गांधीजी की हत्या को संघ से जोड़ना एक अपराध बताया और RSS को हत्यारा कहने पर राहुल गांधी द्वारा कोर्ट में बार-बार माफी मांगने की बात कही। कहा- इस तरह की तुष्टीकरण की राजनीति केवल कांग्रेस ही करती है। जब मकबूल फिदा हुसैन हिंदू देवी-देवताओं की नग्न चित्रकारी करते थे तो कांग्रेस सरकार उन्हें तुष्टीकरण की राजनीति के तहत विभिन्न रत्नों और उपाधियां देती थीं।

राहुल गांधी इच्छाधारी हिंदू, सुविधा से लगाते हैं टोपी और टीका: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा

हम भगवान को अलग-अलग मुद्रा में देखना चाहते थे: आयोजक

आपागंज में आयोजनकर्ता बलराम सिंह ने कहा कि ये अपनी-अपनी भक्ति का भाव है। हम गणवेश के रूप में भगवान को देखना चाहते थे। इसमें बुरा क्या है? हर बार हम अलग-अलग मुद्रा में श्रीगणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं। इस बार स्वयंसेवक के रूप में कर दी। इसके अलावा कोई मंशा नहीं है।

 

 

संबंधित खबरें...

Back to top button