
अजमेर। राजस्थान में अजमेर दरगाह के बाहर भीड़ में विवादास्पद भड़काऊ नारे ‘सिर तन से जुदा’ लगाने के मामले में कोर्ट ने मंगलवार को सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया। पूरे प्रकरण को लेकर 2 साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। इस दौरान 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे।
अजमेर एडीजे-4 की जज रितु मीणा ने 2022 में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सामने विवादास्पद नारे लगाने के आरोपी गौहर चिश्ती, नाजिम सिद्दीकी, फखर जमाली, रियाज हसन, मोईन खान और नासिर खान को आरोप सिद्ध नहीं होने पर बरी करने के आदेश दिए। इस मामले में एक अन्य आरोपी अहसानुल्लाह अब तक फरार है।
दरगाह थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
सरकारी वकील गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि जून 2022 में दरगाह की सीढ़ियों पर ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए थे। इस मामले में कोर्ट ने खादिम (सेवक) गौहर चिश्ती, ताजिम सिद्दीकी, फारूक जमाली, नासिर, रियाज हसन और मोईन को आज बरी कर दिया। उन्होंने कहा कि विस्तृत आदेश के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि कोर्ट ने किस आधार पर उन्हें बरी किया है। फारूकी ने कहा कि सभी आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है तथा आदेश की समीक्षा के बाद फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। इस मामले में एक आरोपी अहसानुल्लाह फरार है। उस पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया है। दरगाह थाने में जून 2023 मुकदमा दर्ज किया गया था।
नारे के वीडियो और ऑडियो हुए थे वायरल
अभियोजन के अनुसार, दरगाह के एक खादिम (सेवक) गौहर चिश्ती ने अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर 17 जून 2022 को एक रैली से पहले भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ पुलिस की मौजूदगी में भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कथित तौर पर विवादास्पद ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाए थे। इसके वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।
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