ताजा खबरराष्ट्रीय

तुगलग लेन की जगह स्वामी विवेकानंद मार्ग, बीजेपी सांसदों ने आवास के बाहर बदला सड़क का नाम, विपक्ष ने कहा- इतिहास बदलने की कोशिश

दिल्ली में सड़कों और इलाकों के नाम बदलने का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। हाल ही में बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा और केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के सरकारी आवास के बाहर ‘तुगलक लेन’ की जगह ‘विवेकानंद मार्ग’ लिखा गया। हालांकि, अभी तक इसे आधिकारिक रूप से नहीं बदला गया है, लेकिन इसे लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस तरह नाम बदलना इतिहास से छेड़छाड़ करने जैसा है। वहीं, बीजेपी का तर्क है कि मुगल शासकों के नाम हटाकर सड़कों और इलाकों को भारतीय महापुरुषों के नाम पर रखना चाहिए।

नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ करने की मांग

बीजेपी विधायक नीलम पहलवान ने दिल्ली विधानसभा के सत्र में नजफगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति में राजा नाहर सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और नजफगढ़ क्षेत्र को दिल्ली में शामिल करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि लंबे समय से इसकी कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद नाम नहीं बदला गया। अब इस मांग को फिर से तेज किया जा रहा है।

मोहम्मदपुर और मुस्तफाबाद के नाम बदलने की मांग

बीजेपी के दक्षिणी दिल्ली के विधायक अनिल शर्मा ने गांव मोहम्मदपुर का नाम बदलने की मांग उठाई है। इसी तरह, विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर ‘शिवपुरी’ या ‘शिव विहार’ करने का प्रस्ताव दिया था। बीजेपी का कहना है कि जिन इलाकों के नाम मुगल शासकों या मुस्लिम शासकों के नाम पर हैं, उन्हें भारतीय संस्कृति और महापुरुषों के नाम पर किया जाना चाहिए।

क्या है दिल्ली में नाम बदलने की प्रक्रिया

दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए यहां किसी सड़क या इलाके का नाम बदलने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होती है। पहले नगर निगम (MCD) को प्रस्ताव भेजना पड़ता है। इसके बाद यह राज्य सरकार और फिर केंद्र सरकार के पास जाता है। नाम बदलने की प्रक्रिया तभी पूरी होती है जब सरकार इसे गजट (आधिकारिक राजपत्र) में प्रकाशित कर देती है।

देशभर में हजारों गांवों के नाम राम-कृष्ण से जुड़े

2011 की जनगणना के अनुसार, देश में कुल 6,77,459 गांव हैं। इनमें से 3,626 गांव भगवान राम के नाम पर हैं। 3,309 गांव भगवान कृष्ण के नाम से जुड़े हुए हैं। मुगल बादशाह अकबर के नाम पर सिर्फ 234 गांव हैं। बाबर (62), हुमायूं (30) और शाहजहां (51) के नाम पर भी कुछ गांव हैं। औरंगजेब के नाम पर केवल 8 गांव हैं, जो सभी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में स्थित हैं।

BJP नेताओं का कहना है कि जब देशभर में भारतीय संस्कृति से जुड़े नाम ज्यादा हैं, तो दिल्ली की सड़कों और इलाकों के नाम भी उन्हीं के अनुरूप होने चाहिए। वहीं, विपक्ष इसे इतिहास से छेड़छाड़ और अनावश्यक राजनीति करार दे रहा है।

ये भी पढ़ें- SpaceX को बड़ा झटका, लॉन्च के कुछ ही मिनटों बाद Starship Rocket आसमान में फटा, मस्क बोले- हमने महत्वपूर्ण डेटा हासिल किया

संबंधित खबरें...

Back to top button