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सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने मामले में सिद्धू को सुनाई सजा, करेंगे सरेंडर या लगाएंगे अर्जी ?

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के रोडरेज मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। उधर, नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला स्थित अपने घर से समर्थकों के साथ चंडीगढ़ निकल गए हैं। बताया जा रहा है कि वे अपने वकील से मुलाकात के लिए जा रहे हैं।

सिद्धू सरेंडर करेंगे या फैसले को चुनौती देंगे

नवजोत सिद्धू इस मामले में कोर्ट से पुलिस के सामने सरेंडर करने के लिए और समय मांग सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सरेंडर या गिरफ्तारी पर रोक के लिए कोई राहत नहीं दी है। सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है। सिद्धू सुप्रीम कोर्ट के फैसले को क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, ये सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह इस पर सुनवाई करेगा या नहीं। सिद्धू कुछ देर पहले पटियाला स्थित अपने घर पहुंचे। इसके बाद अब सिद्धू पटियाला से अमृतसर स्थित घर के लिए रवाना हो गए हैं।


सिद्धू बोले- कानून का पालन करेंगे

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सजा सुनाए जाने पर नवजोत सिंह सिद्धू की की प्रतिक्रिया आ गई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह कानून का पालन करेंगे।

इस मामले में हुई सजा

नवजोत सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पंजाब के पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से मारपीट की थी। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया था. लेकिन 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।

हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इसी फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है।

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