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ढाका। बांग्लादेश की शीर्ष अदालत ने देश में आरक्षण को लेकर मचे बवाल के बीच सरकारी नौकरियों में आरक्षण रविवार को घटा दिया। कोर्ट ने कहा कि 93 प्रतिशत सरकारी नौकरियां योग्यता आधारित प्रणाली के आधार पर आवंटित की जाएं। 5 प्रतिशत 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिजनों तथा अन्य श्रेणियों के लिए दो प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएं।
कुछ दिन पहले ही ढाका हाई कोर्ट के आदेश के बाद देश में आरक्षण 56 प्रतिशत पहुंच गया था। इसके खिलाफ पूरे बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हुए, जिनमें करीब 115 लोगों की जान गई।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के कारण अब तक करीब साढ़े चार हजार भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं। इनके साथ नेपाल, भूटान और मालदीव के लगभग साढ़े पांच सौ अन्य छात्र भी भारत आए हैं। विदेश मंत्रालय ने रविवार को यहां एक बयान में बताया कि पिछले दो दिनों से ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में सहायक उच्चायोग बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रम के बाद भारतीय नागरिकों की घर वापसी में सहायता कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के लिए भूमि-सीमा पारगमन केंद्रों और हवाई अड्डों पर सुगम मार्ग सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहा है।चयनित भूमि सीमा पारगमन केंद्रों के माध्यम से स्वदेश वापसी के दौरान सड़क मार्ग से उनकी यात्रा के लिए, जहां आवश्यक है, सुरक्षा एस्कॉर्ट की भी व्यवस्था की गई है।
ढाका में उच्चायोग भारत और बांग्लादेश के बीच उड़ान सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों और वाणिज्यिक एयरलाइनों के साथ भी समन्वय कर रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार अब तक 4500 से अधिक भारतीय छात्र भारत लौट चुके हैं। नेपाल के 500, भूटान के 38 और मालदीव का एक छात्र भी भारत पहुंचे हैं। भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में बने हुए हैं। वे बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में शेष छात्रों और उनके कल्याण और सहायता के लिए भारतीय नागरिकों के साथ भी नियमित संपर्क में हैं।
कोलकाता। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर वह वहां संकट में फंसे लोगों को शरण दी जाएगी। कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली में उन्होंने कहा, ‘मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है, लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि यदि संकट में फंसे लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो हम उन्हें शरण जरूर देंगे।