वाशिंगटन। नासा ने दावा किया है कि भारतवंशी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर फरवरी 2025 तक धरती पर लौट पाएंगे। फिलहाल ये दोनों ही एस्ट्रोनॉट्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हैं। इनको बोइंग स्टारलाइनर से वापस धरती पर लौटना था, लेकिन अब इनकी वापसी स्पेस एक्स क्रू ड्रैगन में होगी। बता दें, स्टारलाइनर के स्पेसक्राμट में लगातार आ रही तकनीकी दिक्कतों के मद्देनजर यह फैसला लिया है। फिलहाल उसकी सुरक्षा का मुआयना किया जा रहा है। दोनों ही एस्ट्रोनॉट्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर जून में स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए भेजा गया था, जो उसका पहला क्रू मिशन था। शुरुआत में यह मिशन 8 दिन का था, लेकिन स्टारलाइनस के प्रोपल्शन सिस्टम में दिक्कतें आने की वजह से इनके आईएसएस में रहने की अवधि बढ़ा दी गई है। साथ ही इस समस्या की वजह से इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स के वापस धरती पर ले जाने वाले इस स्पेसक्राμट पर भी सवालिया निशान लग गया है।
थ्रस्ट कमजोर होने का कारण ओवरहीटिंग थ्रस्टर्स
नए टेस्ट डेटा से पता चला है कि ओवरहीटिंग थ्रस्टर्स के कारण टेμलॉन सील पर असर पड़ रहा है, जिससे प्रोपलेंट μलो सीमित हो रहा है और थ्रस्ट कमजोर। ऐसे में नासा ये तय नहीं कर पा रहा है कि रिस्क उठाकर स्टारलाइनर से क्रू को लाए क्रू ड्रैगन का सुरक्षित आॅप्शन चुना जाए। यदि नासा स्टारलाइनर के मिशन को बदलने का फैसला करता है, तो बोइंग स्पेसक्राμट को बिना क्रू के वापसी के लिए कॉन्फिगर करेगा। यह बोइंग के लिए झटका होगा, क्योंकि यह उसका टेस्ट मिशन है। इसके सफल होने पर ही उसे नासा से क्रू मिशन की परमिशन मिलेगी।