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सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को सम्मन जारी, तीन सदस्यीय टीम का गठन, जांच में हवाला एंगल भी शामिल, लोकायुक्त ने आईटी से मांगी बारामदी की जानकारी

भोपाल। आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त की टीम ने भोपाल आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के घर और कार्यालय पर छापा मारा और कई चौंकाने वाले खुलासे किए। मामले में सौरभ शर्मा और उसके साथी चेतन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों को सम्मन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

दुबई में होने की आशंका

लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा फिलहाल कहां है, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह दुबई में हो सकता है। इस मामले की गहन जांच के लिए तीन सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व डीएसपी वीरेंद्र सिंह करेंगे। जांच में हवाला के एंगल को भी शामिल किया गया है।

कैश और सोने से भरी कार की जांच जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेतन सिंह गौर के नाम से पंजीकृत एक इनोवा गाड़ी से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश बरामद किया गया था। लोकायुक्त ने आयकर विभाग से इस संबंध में जानकारी मांगी है।

पत्नी और मां के नाम पर भी खरीदी संपत्ति

सर्च के दौरान सौरभ शर्मा के मकान और कार्यालय से संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं। जांच में यह पाया गया है कि सौरभ ने अवैध धन का उपयोग कर कई संपत्तियां अपने साले, पत्नी, मां और सहयोगियों के नाम पर खरीदी हैं। सौरभ शर्मा सहित पांचों सहयोगियों को सम्मन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

सौरभ के पिता थे सरकारी डॉक्टर

सौरभ शर्मा के पिता सरकारी चिकित्सक थे। उनके निधन के बाद सौरभ को 2015 में अनुकंपा नियुक्ति मिली। आरटीओ में नौकरी के दौरान सौरभ ने विभिन्न स्थानों पर पदस्थ रहते हुए अवैध धन अर्जित किया।

सौरभ द्वारा अर्जित अवैध धन से होटल का संचालन भी किया जा रहा था। इस मामले में सौरभ की मां, पत्नी और शरद जयसवाल सहित कुल पांच लोग प्रमुख भूमिका में थे। इन सभी को पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया गया है।

बैंक खातों की जांच जारी

सर्च के दौरान प्राप्त बैंक खातों के भी ब्यौरे खंगाले जा रहे हैं। संबंधित बैंकों से विवरण मांगकर अवैध लेनदेन की पुष्टि की जाएगी।

तीन सदस्यीय जांच दल का गठन

मामले की विस्तृत जांच के लिए डीएसपी वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम इस बात की तहकीकात करेगी कि सौरभ ने अवैध संपत्ति कैसे अर्जित की और इसमें किस-किस का सहयोग रहा।

कौन है सौरभ शर्मा

सौरभ शर्मा मूल रूप से ग्वालियर का निवासी है। वह भोपाल के शाहपुरा में स्थित जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी का संचालन करता है। इससे पहले वो परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर कार्यरत था, लेकिन बाद में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली।

शिकायत के बाद हुई कार्रवाई

लोकायुक्त को सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत प्राप्त हुई थी। गोपनीय सत्यापन के बाद, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 18 दिसंबर को मामला दर्ज किया गया। न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त कर 19 और 20 दिसंबर को सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित मकान और उनके कार्यालय पर तलाशी की गई।

मकान और कार्यालय से बड़ी बरामदगी

सौरभ शर्मा के मकान की तलाशी में महंगे वाहन, घर का कीमती सामान, आभूषण और नगदी बरामद हुई। इनकी कुल कीमत लगभग 3.86 करोड़ रुपए आंकी गई है। सौरभ शर्मा के कार्यालय, जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, से चांदी, नगदी और अन्य सामान बरामद किया गया। यहां से मिली संपत्ति की कुल कीमत लगभग 4.12 करोड़ रुपए है।

दोनों जगहों से बरामद संपत्ति, आभूषण, चांदी और नगदी की कुल कीमत 7.98 करोड़ रुपए है।

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