
चंडीगढ़। चंडीगढ़। अकाल तख्त की ओर से ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किए गए सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने शनिवार को यह जानकारी दी। बादल के इस्तीफे से नए पार्टी प्रमुख के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
पार्टी की वर्किंग कमेटी को इस्तीफा दिया है। पंजाब की राजनीति में बादल के इस्तीफे को बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है। बादल ने अपना इस्तीफा पार्टी की वर्किंग कमेटी को सौंपा है। पार्टी के नेताओं के अनुसार अब दलजीत चीमा की देखरेख में पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
दलजीत चीमा ने दी जानकारी
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया, ताकि नये अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने अपने नेतृत्व में विश्वास जताने और पूरे कार्यकाल में तहेदिल से समर्थन तथा सहयोग देने के लिए पार्टी के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आभार जताया है।”
बादल को किया था तनखैया घोषित
बादल ने शिअद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से कुछ दिन पहले अकाल तख्त के जत्थेदार से धार्मिक कदाचार के आरोपों में उन्हें सजा सुनाने का आग्रह किया था। शिअद नेता ने कहा था कि उन्हें ‘तनखैया’ करार दिए जाने को दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2007 से 2017 तक अकाली दल और उसकी सरकार की ओर से की गई “गलतियों” के लिए बादल को 30 अगस्त को “तनखैया” (धार्मिक गुनहगार) घोषित किया था। जत्थेदार ने अभी तक बादल के लिए “तनखा” (धार्मिक सजा) की घोषणा नहीं की है।
बादल के अकाल तख्त से कोई अस्थायी राहत पाने में नाकाम रहने के बाद शिअद ने 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेगा। एक जुलाई को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित कई बागी शिअद नेता अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे। उन्होंने 2007 से 2017 तक पार्टी की सरकार की ओर से की गई “गलतियों” के लिए माफी मांगी थी।
2008 में बने थे अध्यक्ष
बता दें कि सुखबीर सिंह बादल 2008 में शिरोमणि अकाली दल की कमान संभाली थी। बादल ने 16 साल और दो महीने तक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम किया। सुखबीर सिंह बादल से पहले उनके पिता प्रकाश सिंह बादल के पास पार्टी की कमान थी। वह 12 साल तक इस पद पर रहे थे।
लोकसभा सदस्य और डिप्टी सीएम भी रहे चुके बादल
सुखबीर सिंह बादल की धार्मिक सजा पर अभी फैसला आना बाकी है। 62 साल के सुखबीर सिंह बादल पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के बेटे हैं। वह 10 जुलाई 2009 से 11 मार्च 2017 के बीच पंजाब के डिप्टी सीएम भी रहे चुके हैं। वह अटल बिहारी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह कई बार पंजाब से लोकसभा के लिए जीत चुके हैं। शिरोमणि अकाली दल (SAD) वर्तमान में काफी कमजोर है। पंजाब विधानसभा में पार्टी के सिर्फ दो विधायक हैं। इसके साथ ही लोकसभा में सिर्फ सदस्य है। सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल पार्टी की इकलौती लोकसभा सदस्य हैं।
उपचुनाव से पहले लिया फैसला
सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा ऐसे समय में दिया है जब 20 नवंबर को पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। उनके इस्तीफे के बाद अब देखना होगा कि शिरोमणि अकाली दल का नया चीफ किसे बनाया जाता है।