
मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में उद्यमिता उत्सव ई-समिट का आयोजन किया जा रहा है। दूसरे दिन मध्य भारत के सबसे बड़े स्टार्टअप एक्सपो का शुभारंभ हुआ। इसके बाद एक निवेशक पैनल सत्र हुआ, जिसमें 20 से अधिक स्टार्टअप्स द्वारा पिचिंग की गई। यहां 50 से ज्यादा इन्वेस्टर्स को स्टार्टअप्स के प्लान और आइडिया को पावर प्वाइन्ट से समझाया गया। 11 फरवरी को यहां बाकी 30 स्टार्टअप पिच करेंगे, जिन्हें करोड़ों रुपए की फंडिंग इन्वेस्टर्स द्वारा दी जाएगी। स्टार्टअप एक्सपो के अलावा बिजनेस प्लान स्पर्धा, क्रिएटर्स कैंप और कीनोट सत्र भी हुए। बिजनेस प्लान प्रतियोगिता में स्टार्टअप उत्साही छात्रों के विचार सामने आए। औद्योगिक विकास और इसके महत्व पर इंडस्ट्री इनोवेशन कॉन्क्लेव आयोजित किया गया।
कवयित्री निधि नरवाल ने छात्रों को सुनाईं कविताएं
इसके पहले प्रसिद्ध कवयित्री निधि नारवाल ने अपनी कविताओं को सुनाकर छात्रों का मनोरंजन किया। उनकी कविताओं पर छात्रों ने खूब दाद दी। निधि ने पढ़ा नजर चढ़ती है खूब नजर को शराब लिखना चाहती हूं, नजर अच्छी नहीं है जमाने की नजर को खराब लिखना चाहती हूं… उनकी कविताओं से पूरे परिसर में तालियों की गूंज हो गई। आगे उन्होंने कहा मोहब्बत में किसी को भी मिला क्या है, मोहब्बत में गंवाया सब बचा क्या है…, और कुछ लोग तो जुबान से जान ले लेते हैं, इनके हाथों में चाकू नहीं दिखता…जैसी कविताएं पढ़ीं।
किताबें केवल उत्पाद नहीं, बल्कि प्रभाव और सशक्तिकरण का माध्यम हैं
कीनोट सेशन के मुख्य अतिथि पूर्व राजनयिक और ऑस्कर विजेता रूपांतरण ‘क्यू एंड ए’ के लेखक विकास स्वरूप ने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से प्रेरित अपनी यात्रा और इस विश्वास को व्यक्त किया कि जीवन ही सबसे बड़ा शिक्षक है। अपनी नॉवेल पर बनी फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ को लेकर उन्होंने कहा अंडरडॉग कहानियों को कभी कमतर नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने शब्दों की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया और कहा कि किताबें केवल उत्पाद नहीं बल्कि प्रभाव और सशक्तिकरण का माध्यम हैं। आम लोगों से सीधे जुड़ने के लिए सरकार में सोशल मीडिया के उपयोग की वकालत करते हुए, उन्होंने अपने राजनयिक कॅरियर की अंर्तदृष्टि साझा की। कार्यक्रम में आए अन्य अतिथियों ने भी छात्रों का मार्गदर्शन किया।