
भोपाल। आउटसोर्स बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के बीच मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उन्हें बातचीत का न्योता दिया है। मंत्री ने कहा- यदि आउटसोर्स कर्मचारियों को किसी तरह की समस्या है तो बात करें। सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
भोपाल में मीडिया से बात करते हुए तोमर ने कहा कि हमने हमेशा आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों पर विचार किया है। उनसे बातचीत की है और आगे भी बातचीत से समस्या का हल निकालेंगे। कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात पर मंत्री ने कहा कि हड़ताल से विकास रुकता है। यह किसी समस्या का हल नहीं है। इसलिए कर्मचारियों को हड़ताल छोड़कर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।
70 हजार कर्मचारी कर रहे आंदोलन
यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के बैनर तले मध्यप्रदेश के 70 हजार से ज्यादा आउटसोर्स बिजलीकर्मी पिछले तीन दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि वे पहले सरकार से बातचीत करेंगे। इसके बाद मांगों पर विचार नहीं किया गया तो सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
हड़ताल समस्या का हल नहीं है। समस्या है तो बात करें, हम समाधान निकालेंगे। सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं : #बिजली_विभाग के आउट सोर्स कर्मचारियों की हड़ताल पर ऊर्जा मंत्री #प्रद्युम्न_सिंह_तोमर।@PradhumanGwl @CMMadhyaPradesh @Energy_MPME #ElectrictyWorkersStrike #PeoplesUpdate pic.twitter.com/5imOktM8Gp
— Peoples Samachar (@psamachar1) January 24, 2023
श्योपुर विधायक ने भी किया था समर्थन
सोमवार को श्योपुर के विधायक बाबू जंडेल ने भी आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था- सरकार संविदाकर्मियों के साथ मनमानी करती है। उन्होंने कहा- हम आपकी आवाज को उठाएंगे। विधायक ने कहा कि जिस तरह आर्मी देश की रक्षा करती है, आप भी अपनी जिंदगी खतरे में लेकर नौकरी कर रहे हैं।
कर्मचारियों की मांगें
- संविदा बिजलीकर्मियों को तुरंत नियमित किया जाए।
- आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के अनुसार वेतनवृद्धि प्रदान करें। उनके भविष्य को सुरक्षित करने की नीति बनाएं। 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा कराएं।
- पुरानी पेंशन बहाल हो, ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।
- वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाए।
- लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का पुर्ननिरीक्षण कर अधिकारी-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए कैशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू हो