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Sri Lanka में सख्त पाबंदियां : कर्फ्यू के बाद Social Media भी बैन, मदद को आगे आया भारत

श्रीलंका में हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। कर्फ्यू के बाद अब यहां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी बैन लगा दिया गया है। देश में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आउट ऑफ सर्विस हो गए। माना जा रहा है कि सरकार ने ये कमद पूरे देश में जगह-जगह होने जा रहे प्रदर्शन को रोकने के लिए उठाया है।

इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर लगी पाबंदी

सरकार ने फेसबुक, फेसबुक मैसेंजर, ट्विटर, व्हाट्सएप, स्नैपचैट, ट्विटर पेरिस्कोप, यूट्यूब, गूगल वीडियो, वाइबर, टिकटॉक, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर पाबंदी लगा दी है क्योंकि सरकार को डर है कि प्रदर्शनकारी इनका इस्तेमाल विरोध प्रदर्शनों के समन्वय और जानकारी शेयर करने के लिए करेंगे। यूजर्स वीपीएन के जरिए इन प्लेटफॉर्म्स को एक्सेस करने को मजबूर हैं। बता दें कि, श्रीलंका में अशांति के दौरान राष्ट्रव्यापी सोशल मीडिया प्रतिबंध लगाने का इतिहास रहा है।

कर्फ्यू के बाद सड़कें खाली

श्रलंका में लगाए गए कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाओं में लगे लोगों को पहचान पत्र के जरिए आने-जाने की छूट दी गई है। इसके अलावा राजनयिक मिशन के सभी स्टाफ सदस्य आईडी दिखाकर ट्रैवल कर सकते हैं। यहां शनिवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक सार्वजनिक आवाजाही पर रोक लगाई गई है। कर्फ्यू के दौरान लोगों के सड़क, पार्क, रेलवे, समुद्र तटों सहित सभी सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर रोक लगा दी गई है।

आर्थिक तंगी से परेशान श्रीलंका के लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए हैं। इसी के साथ जनता राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रही है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा श्रीलंका

• देश में फ्यूल और गैस की कमी हो गई है। हालात पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों को कई घंटों तक लाइन में लगाना पड़ रहा है।
• एक लीटर पेट्रोल की कीमत 254 रुपए है, जबकि एक लीटर दूध 263 रुपए में बिक रहा है।
• श्रीलंका में गुरुवार की शाम डीजल नहीं था, जिससे परिवहन ठप हो गया।
• एजुकेशनल बोर्ड के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है, जिसके बाद परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई हैं।
• एक किलोग्राम चावल की कीमत 500 रुपए तक पहुंच गई है।
• शकर की कीमत 290 रुपए प्रति किलोग्राम
• लोगों को एक ब्रेड का पैकेट भी 0.75 डॉलर (150) रुपए में खरीदना पड़ रहा है।
• सरकारी बिजली कंपनी ने जनरेटरों के लिए बिजली नहीं मिलने से 13 घंटे की कटौती शुरू कर दी है।

मदद को आगे आया भारत

आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलंका की मदद के लिए भारत आगे आया है। भारत ने फ्यूल क्राइसिस से जूझते श्रीलंका की मदद के लिए ऑयल टैंकर भेजा है। इससे फ्यूल क्राइसिस से जूझते लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

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पड़ोसी की मदद के लिए आगे आया भारत

श्रीलंका को भेजने के लिए भारत में व्यापारियों ने 40,000 टन चावल की लोडिंग शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से क्रेडिट लाइन मिलने के बाद ये श्रीलंका को भेजी जानी वाली अपनी तरह की पहली खाद्यान्न मदद है। माना जा रहा है कि प्रमुख त्योहार से पहले चावल की खेप श्रीलंका पहुंच जाएगी। भारत साल 2022 में श्रीलंका को कम से कम 300,000 टन चावल भेजेगा। इससे श्रीलंका में आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे देश में कीमतें कम हो सकती हैं।

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क्यों आर्थिक तंगी से गुजर रहा श्रीलंका?

श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का बड़ा रोल है। फॉरेन करेंसी टूरिज्म देश के लिए तीसरा बड़ा सोर्स है। इसके कमजोर पड़ने से देश का विदेश मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है।

बता दें कि, करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हैं। टूरिज्म से श्रीलंका को सालाना करीब 5 अरब डॉलर (करीब 37 हजार करोड़ रुपए) फॉरेन करेंसी मिलती है। श्रीलंका की GDP में टूरिज्म का 10% से ज्यादा योगदान है।

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