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श्रीलंका में लगी इमरजेंसी: आर्थिक संकट के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, हिंसक प्रदर्शनों के चलते राष्ट्रपति ने लिया फैसला

श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या की वजह से लोग सड़कों पर आ गए हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने शुक्रवार को आपातकाल का ऐलान कर दिया। जारी आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है। 1 अप्रैल से ही ये आपातकाल लागू कर दिया गया है।

राष्ट्रपति से पद छोड़ने की अपील कर रहे हैं लोग

अब राष्ट्रपति राजपक्षे के द्वारा ये फैसला उस समय लिया गया है जब उनके और उनकी सरकार के खिलाफ देश में प्रदर्शन तेज हो चुका है। नाराज लोग राष्ट्रपति से पद छोड़ने की अपील कर रहे हैं। गुरुवार को उनके आवास के बाहर भी हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, उन पर जमकर लाठियां भी बरसाई गईं। इस हिंसक टकराव में कम से कम 5 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हुए। हिंसा के आरोप में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा श्रीलंका

  • देश में फ्यूल और गैस की कमी हो गई है। हालात पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों को कई घंटों तक लाइन में लगाना पड़ रहा है।
  • एक लीटर पेट्रोल की कीमत 254 रुपए है, जबकि एक लीटर दूध 263 रुपए में बिक रहा है।
  • श्रीलंका में गुरुवार की शाम डीजल नहीं था, जिससे परिवहन ठप हो गया।
  • एजुकेशनल बोर्ड के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है, जिसके बाद परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई हैं।
  • एक किलोग्राम चावल और शकर की कीमत 290 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
  • लोगों को एक ब्रेड का पैकेट भी 0.75 डॉलर (150) रुपए में खरीदना पड़ रहा है।
  • सरकारी बिजली कंपनी ने जनरेटरों के लिए बिजली नहीं मिलने से 12 घंटे की कटौती शुरू कर दी है।

क्यों आर्थिक तंगी से गुजर रहा श्रीलंका?

श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का बड़ा रोल है। फॉरेन करेंसी टूरिज्म देश के लिए तीसरा बड़ा सोर्स है। इसके कमजोर पड़ने से देश का विदेश मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है।

बता दें कि, करीब 5 लाख श्रीलंकाई सीधे पर्यटन पर निर्भर, जबकि 20 लाख अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े हैं। टूरिज्म से श्रीलंका को सालाना करीब 5 अरब डॉलर (करीब 37 हजार करोड़ रुपए) फॉरेन करेंसी मिलती है। श्रीलंका की GDP में टूरिज्म का 10% से ज्यादा योगदान है।

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70% तक गिर गया विदेश मुद्रा भंडार

चीन सहित कई देशों के कर्ज तले दबे श्रीलंका का जनवरी में विदशी मुद्रा भंडार 70 फीसदी से ज्यादा घटकर 2.36 अरब डॉलर रह गया था, जिसमें लगातार गिरावट आती जा रही है। विदेशी मुद्रा की कमी के चलते ही देश में ज्यादातर जरूरी सामानों दवा, पेट्रोल-डीजल का विदेशों से आयात नहीं हो पा रहा है।

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