
पल्लवी वाघेला भोपाल। जीवन भले संघर्षमय हो, लेकिन कुछ अलग करने की ललक हो तो राह निकल ही आती हैं। भोपाल में रहने वाली संध्या वर्मा ने पति से अलग होने के बाद सिंगल मदर की जिम्मेदारी निभाते हुए अनेक उतार- चढ़ाव देखे, लेकिन जुटी रहीं। साइंस की फील्ड में काम करते हुए नई चीजें सीखीं। आज वे कॉटन वेस्ट से स्टेशनरी और अन्य सामान बनाने की कंपनी ‘सदैव क्रिएशन’ को स्थापित कर चुकी हैं। 4 साल में कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ तक पहुंच गया है। अब संध्या की ख्वाहिश है कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाया जा सके। शुरुआती लक्ष्य एक हजार महिलाओं को जोड़ने का है।
ऐसे आया आइडिया: संध्या बताती हैं,- ‘टीचिंग जॉब करते हुए साइंस सेंटर एनजीओ के साथ जुड़ी थीं। यहां हर साल हजारों स्टूडेंट प्रोजेक्ट बनाते थे, जो बाद में वेस्ट हो जाते थे। सालाना डेढ़ करोड़ से अधिक पेज बर्बाद होते थे। शुरुआती आइडिया इन पेजेस को रिसाइकिल करने का था। साइंस बैकग्राउंड के कारण स्टार्टअप को लेकर रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करने में मजा आने लगा। यह समझ आया कि कॉटन से भी कागज तैयार हो सकता है। कई राज्यों में जाकर स्टडी की और हरियाणा से जरूरत के मुताबिक मशीने बनवाई। संध्या ने कोलार स्थित अपने घर में यूनिट सेटअप की है। वर्ष 2018 में बिजनेस शुरू किया और भोपाल में कुछ मजदूरों को स्किल्ड किया। शुरुआत में केवल स्टेशनरी आइटम तैयार होते थे, क्योंकि लेजर कटिंग करने वाले उनके प्रोडक्ट को कट करने को तैयार नहीं थे। बाद में संध्या ने खुद बात की और एक बार ट्राय करने के लिए कहा। यह कटिंग इतनी अच्छी हुई कि आज सदैव क्रिएशन में स्टेशनरी के फाइल-फोल्डर के साथ सौ से अधिक आइटम्स तैयार हो रहे हैं।
बेटी भी कर रही मदद
वर्ष 1995 में संध्या के तलाक के समय उनकी बेटी मात्र एक साल की थी। सिंगल मदर के रूप में भी कई चैलेंज आए। वर्ष 2004 में जब उन्होंने भोपाल में सेटल होने का मन बनाया तो सिंगल मदर को कोई मकान देने तैयार नहीं था। वे बताती हैं कि आज उनकी बेटी अमेरिका में डेटा साइंटिस्ट के तौर पर काम कर रही है। इस स्टार्टअप में भी वह अपनी मां की मदद करती हैं।
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में सेलिंग से की थी शुरुआत
संध्या विभिन्न जगह से कॉटन वेस्ट बुलवाती हैं। प्रोडक्ट रिक्वायरमेंट के अनुसार कॉटन वेस्ट और रद्दी कागज के पल्प का रेशियो मिलाया जाता है। शुरुआत देश भर के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में सेलिंग से हुई थी। अब हजारों ऑर्डर मिलते हैं। जल्द ही वे अपनी वेबसाइट बना रही हैं।