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सोनिया गांधी को सर गंगा राम अस्पताल से मिली छुट्टी, पेट से जुड़ी समस्याओं के चलते कराया था भर्ती

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, सोनिया गांधी के प्रवेश का सही समय या कारण अभी तक ज्ञात नहीं है।

पेट से जुड़ी किसी समस्या के चलते कराया गया था भर्ती

सर गंगा राम अस्पताल के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अजय स्वरूप के अनुसार, सोनिया गांधी को 20 फरवरी के दिन पेट से जुड़ी किसी समस्या के चलते भर्ती कराया गया था। उनकी नियमित जांच की गई और अब उनकी हालत स्थिर है, उन्हें निगरानी में रखा गया है।

सोनिया गांधी का स्वास्थ्य कई बार खराब हुआ है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।

  • फरवरी 2023 – सोनिया गांधी को वायरल संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
  • मार्च 2023 – बुखार आने के कारण उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें लगातार डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।
  • 2022 – सोनिया गांधी को कोरोना हो गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। इलाज के बाद वह स्वस्थ होकर घर लौट आई थीं।

आखिरी बार राज्यसभा में नजर आईं थीं सोनिया

सोनिया गांधी 13 फरवरी 2025 को संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में नजर आईं थीं। इसी दौरान उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द जनगणना को पूरा करने की अपील की थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि देश में लगभग 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ से वंचित हैं।

सोनिया गांधी का राजनीतिक जीवन

जन्म और परिवार : सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के लुसियाना में हुआ था। उनका असली नाम ‘सोनिया मैनो’ था, जो बाद में सोनिया गांधी हुआ। उन्होंने राजीव गांधी से शादी की, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे। सोनिया गांधी को अक्सर उनके इटली से होने के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा।

भारत में आना और राजीव गांधी से विवाह : सोनिया गांधी 1968 में पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान राजीव गांधी से मिलीं और 1968 में विवाह किया। राजीव गांधी के साथ उनका परिवार भारत आकर बस गया और राजनीति में कदम रखा।

राजनीति में कब रखा कदम : 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी ने सार्वजनिक जीवन में कदम रखा। शुरू में उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल होने से मना किया था, लेकिन बाद में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का नेतृत्व संभालने का फैसला किया।

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता : 1998 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता संभाली। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने 2004 के आम चुनाव में यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस) की सरकार बनाई। वह लगातार कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रही हैं, सिवाय कुछ वक्त के जब उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।

2004 में यूपीए सरकार का गठन : 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने यूपीए गठबंधन के तहत सरकार बनाई, और सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। हालांकि, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद से मना कर दिया और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया। यह कदम उनके राजनीतिक सादगी और त्याग का प्रतीक बना।

सोनिया गांधी का नेतृत्व : सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में सफलता प्राप्त की। उन्हें राजनीतिक और व्यक्तिगत आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, खासकर उनके विदेशी मूल को लेकर। फिर भी, वह पार्टी की सबसे प्रभावशाली नेता बनी रहीं और पार्टी की विश्वसनीयता बनाए रखने में सफल रहीं।

सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को कई चुनावों में हार का सामना करना पड़ा, विशेषकर 2014 और 2019 के आम चुनावों में। हालांकि, उन्होंने पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश की और कई बार आंतरिक संकटों को संभाला।

बच्चों का का राजनीति में प्रवेश : सोनिया गांधी ने अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी राजनीति में लाने का फैसला किया। राहुल गांधी ने 2004 में राजनीति में प्रवेश किया और 2017 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बने।प्रियंका गांधी ने 2019 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और पार्टी की महासचिव के रूप में काम किया।

2024 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया। इसके बाद राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सोनिया गांधी आज भी कांग्रेस पार्टी के मार्गदर्शक के रूप में कार्यरत हैं, हालांकि उनकी सक्रिय भूमिका कम हो गई है।

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