महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे मप्र महिला उद्यमी संगठन (मावे) द्वारा मावे शाइन अवॉर्ड का आयोजन किया गया। इस मौके पर अलग-अलग क्षेत्र में सक्रिय 24 महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कश्यप ने कहा कि सरकारी योजनाएं एवं सरकारी अमला सदैव मावे की महिला उद्यमियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा एवं उनका उत्साहवर्धन करने में संगठन के साथ मिलकर प्रयासरत रहेगा।
मध्य प्रदेश महिला उद्यमी संगठन (मावे) की प्रेसिडेंट अर्चना भटनागर ने कहा कि कई महिलाएं अपना व्यवसाय करना चाहती हैं लेकिन उन्हें शासकीय योजनाओं, एमएसएमई में रजिस्टर होना, जीएसटी प्रक्रिया, वेयरहाउस, आईटी रिटर्न, डिजिटल मार्केटिंग, ब्रांडिंग व एक्सपोर्ट को लेकर जानकारियां नहीं होती। इस कार्य में हम उनकी मदद करके उन्हें मंच प्रदान करते हैं। इस मौके पर उद्यमी भावना मदान, विशाखा श्रीवास्तव, सतरूपा राबरा, मीनू कपलिश, पूजा निगम, जसमीत कौर, जीनत खानम, मंजरी श्रीवास्तव, संध्या बोरकर, निशा नायर, सीमा बादल मौजूद रहीं। वहीं, 7 दिसंबर को सुबह 9.30 बजे से मुख्य वक्ताओं के सत्र व वर्कशॉप होगी। इस दौरान बिजनेस में एआई के इस्तेमाल, मार्केटिंग स्ट्रेटजी, देश-दुनिया में व्यापार आदि विषयों पर सत्र होंगे।
हवेली में ठहरते हैं विदेशी पर्यटक
ग्वालियर फालके बाजार में हमारी हवेली है, जो कि हेरिटेज होम स्टे है। यहां देश-विदेश के पर्यटक आकर रूकते हैं। मैंने साल 2022 में हवेली को इस रूप में संचालित करना शुरू किया और इसके मूल स्वरूप व साज-सज्जा में परिवर्तन न करते हुए इसे पुराने समय के रूप-रंग में ही सहेजा। यही वजह है कि रॉयल फीलिंग के लिए पर्यटक यहां आकर रूकते हैं। इससे पहले मैं स्कूल संचालित करती थी, जो कि कोविड के कारण बंद हो गया, लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहती थी तो यह विचार आया जो सफल रहा। हमें काफी ऑनलाइन बुकिंग्स व पर्यटन विभाग का साथ मिलता है। – ललिता फालके, उद्यमी ग्वालियर
कोविड में आया आर्ट गैलरी शुरू करने का विचार
कोविड के दौरान मेरी क्रिएटिविटी को ज्यादा समय मिला। फिर मैंने सोचा कि क्यों न अपने घर से ही एग्जीबिशन की शुरुआत करूं और मैंने पहली बार साल 2021 में प्रदर्शनी अपने घर में लगाई। मैं पेंटिंग्स व क्ले आर्ट में काम करती हूं। फिर मैं मावे संगठन से जुड़ी तो पहली बार घर से बाहर निकलकर प्रदर्शनी में भाग लिया और यहां से बतौर उद्यमी स्थापित होने का इरादा बनाया। मैं बिना हेयररिंग एड के सुन नहीं सकती और जब तक घर में थी तब तक हेयररिंग एड भी नहीं लगाती थी। मैंने अब इस डिवाइस का इस्तेमाल शुरू किया तो आत्मविश्वास बढ़ा। मेरे पति ने मेरा बहुत साथ निभाया तभी मैं आज यहां अवॉर्ड हासिल करने की स्थिति में पहुंच सकी हूं और आगे अपने काम का विस्तार करूंगी। – माधुरी शावरीकर, उद्यमी, गौतम नगर
फिजिक्स टीचर थी, लेकिन अब आर्टिस्ट हूं
मैं फिजिक्स की प्रोफेसर रह चुकी हूं और बतौर लॉयर भी प्रैक्टिस की है, लेकिन मेरा रूझान हमेशा से ट्राइबल आर्ट की तरफ रहा। मैंने इ्स दिशा में काम करना शुरू किया और फिर भोपाल में कलागृह नाम से आर्ट गैलरी शुरू की। मैंने आर्ट वर्क कहीं से सीखा नहीं था। अब मेरा ज्यादातर काम गोंड पेंटिंग में होता है और इसके अलावा अन्य कलारूपों में भी काम करती हूं। अब तक भारत के कई बड़े शहरों में एग्जीबिशन कर चुकी हूं और अब यही मेरा प्रोफेशन है, जिसमें आगे बढ़ना है। अपने काम को अब ऑनलाइन भी बिक्री के लिए लाना चाहती हूं, जिसकी प्रक्रिया अब मैं शुरू करूंगी, ताकि देश-विदेश तक मेरा आर्ट वर्क पहुंच सके। मावे के माध्यम से यह काम हो सकेगा। – शेफाली श्रीवास्तव, उद्यमी, अरेरा कॉलोनी