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सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स वी-लॉग बनाकर अपने कंटेंट से दर्शकों को कर रहे प्रभावित

वी-लॉग पर 5 मिनट और शॉर्ट्स पर 40 सेकंड में रखते हैं अपनी बात

वीडियो – लॉग (व्लॉगिंग) केवल वीडियो रिकॉर्ड करने और उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करने का शगल ही नहीं है बल्कि यह दर्शकों को राय तैयार करने में भी मदद करते हैं। नेशनल व्लॉगिंग यानी वीडियो ब्लॉगिंग डे के मौके पर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स से जाना कि वे किस तरह अपनी ऑडियंस के साथ कनेक्शन बढ़ाने के लिए अपने वीडियो लॉग को समय-समय पर बदलते रहते हैं। इन दिनों यूट्यूब वी-लॉग के साथ यूट्यूब शॉर्ट्स और रील्स पर इंफ्लुएंसर्स शिफ्ट हो रहे हैं हालांकि इनका कहना है जब वीडियो डिटेल्ड होता है तो वे वी-लॉग बनाते हैं और रील्स और शार्ट्स को भी वी-लॉग की तर्ज पर बनाते हैं, बस टाइम ड्यूरेशन का फर्क इसमें आता है।

अब वी-लॉग 20 से 60 सेकंड्स और यूट्यूब पर 5 से 10 मिनट की सीमा में बनाए जा रहे हैं। कुछ सामान्य प्रकार के वी-लॉग में शामिल हैं, ट्रेवल,फूड, फैशन, लाइफस्टाइल, रुटीन पॉपुलर टॉपिक और टेक वी-लॉग। डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में हालिया उछाल ने व्लॉगिंग को एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया है।

वी-लॉग बनाने से पहले रिसर्च

वी-लॉग बनाते समय यह देखना होता है कि सिनेमेटिक व्यू, वॉइस और कंटेंट हुक करने वाला हो, वरना तो बहुत सारे वी-लॉग सोशल मीडिया पर है। दूसरा, हम रोज वी-लॉग पर काम करते हैं ताकि ऑडियंस हमें सोशल मीडिया पेज और हैंडल्स को रोज देखें। विजिबिल्टी रोचक तरीके बनी रहे इसलिए वी-लॉग को शूट करने से पहले रिसर्च वर्क करती हूं। मैं अकेले वी-लॉग डेवलप नहीं करती मेरे साथ मेरी दोस्त आशी मालवीय भी साथ होती है। हम यूट्यूब वी-लॉग,शार्ट्स व रील्स बनाते हैं। -कंवलप्रीत कौर कलसी, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर

वी-लॉग का समय अब कम हुआ…

वीडियो लॉग को यूट्यूब से पॉपुलेरिटी मिली लेकिन अब यह रील्स व शॉर्ट्स के फार्मेट में बन रहे हैं। रील्स को लोग 10 से 20 सेकंड्स ही देखते हैं तो उतने ही समय में पूरी बात आ जाए इसका ध्यान रखना होता है। वहीं यू-ट्यूब वी-लॉग को 5 से 10 मिनट तक सीमित रखते हैं। वहीं कई रील्ड 1 मिलियन से लेकर 3 मिलियन तक पहुंच जाते हैं। मैं भोपाल को इस तरह प्रमोट करता हूं कि बाहर के लोगों को लगे कि एक बार भोपाल जरूर जाना चाहिए क्योंकि यह शहर इतना सुंदर है। भोपाल की खूबसूरती को लेकर बनाए वी-लॉग के व्यूज हमारे मिलियन में चले जाते हैं। वी- लॉग में अब वही ट्रेवल लॉग चलते हैं, जो आपको वह जानकारी दें जो पहले आपने देखी सुनी नहीं है। वरना, इंटरनेट पर इतना सब कुछ उपलब्ध है कि कुछ और देखने की जरूरत नहीं है। -शंशाक शुक्ला, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर

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