नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की सिंघु बॉर्डर पर आज अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति पर मंथन होगा। किसान नेता राकेश टिकैत MSP पर गारंटी नहीं मिलने तक आंदोलन पर अड़े हुए हैं, जबकि पंजाब के किसान आंदोलन खत्म करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में किसानों में दो गुट बन गए हैं। जानकारी के मुताबिक ये बैठक सुबह 11 बजे होगी।
इन मांगों को लेकर होगी चर्चा
बैठक में प्रदर्शनकारी किसानों की लंबित मांगों पर भी विचार किया जाएगा, जिनमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेना, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देना शामिल हैं।
कमिटी के लिए सरकार ने मांगे 5 नाम
एमएसपी कानून पर कमिटी बनाने के लिए पिछले दिनों सरकार द्वारा अनौपचारिक रूप से किसान संगठनों से पांच नाम मांगे गए थे। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इन नामों पर मुहर लगाई जा सकती है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक सरकार की तरफ से एमएसपी पर लिखित प्रस्ताव नहीं मिला है।
टिकैत ने कही ये बात
बैठक को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, ‘इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। किसानों ने कहा है कि बाकी मुद्दे सुलझाने के लिए सरकार को बातचीत करनी चाहिए। हो सकता है कि आने वाले दिनों में फिर से किसान और सरकारों के बीच बात शुरू हो जाए।’ किसान नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर समिति गठन के वास्ते केंद्र को पांच नाम भेजे जाएं या नहीं-इस पर कोई भी फैसला इस बैठक में किया जाएगा क्योंकि उन्हें सरकार से कोई औपचारिक संदेश नहीं प्राप्त हुआ है।
क्या है किसानों की मांग?
- MSP पर कानूनी गारंटी मिले
- किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस हों
- मारे गए किसानों को मुआवाजा मिले
- केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा बर्खास्त किए जाएं
- बिजली संशोधन विधेयक का ड्राफ्ट वापस हो
- पराली जलाने पर सज़ा का प्रावधान खत्म हो
- सिंघु बॉर्डर पर शहीद किसानों का मेमोरियल
- आंदोलन में नुकसान ट्रैक्टर का मुआवजा मिले
खट्टर से बातचीत बेनतीजा रही
3 दिसंबर को किसान नेताओं ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घर पर लंबी मीटिंग की। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि बातचीत का कोई हल नहीं निकला। बैठक चंडीगढ़ में शाम 5 से रात 9 बजे तक चली। इस बैठक में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने, कुंडली बॉर्डर पर स्मारक बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।