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MP में बजा सायरन… भोपाल-इंदौर समेत 5 शहरों में हुई मॉक ड्रिल, कॉलेज-मॉल में आग बुझाने और लोगों को बचाने का किया अभ्यास

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देशभर के 244 जिलों में आज मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मध्यप्रदेश के पांच प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी को इस अभ्यास के लिए चुना गया। इन शहरों में आतंकी हमले, अग्निकांड, गैस रिसाव जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी की परख की गई।

भोपाल : डीबी मॉल में अग्निकांड से रेस्क्यू, नूतन कॉलेज में अस्थाई अस्पताल में इलाज

भोपाल में शाम 4 बजे से मॉक ड्रिल की शुरुआत डीबी मॉल से हुई। यहां आग लगने की सूचना पर तत्काल एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीम पहुंचीं। घायलों को रेस्क्यू कर नूतन कॉलेज स्थित अस्थाई अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक मरीज की हालत गंभीर होने पर उसे रेड जोन में शिफ्ट किया गया।

इस दौरान एक चूक सामने आई जब स्टाफ ऑक्सीजन सिलेंडर तो लाया, लेकिन मास्क किट लाना भूल गया। स्थिति को संभालते हुए तत्काल जेपी अस्पताल से मास्क मंगवाए गए। अस्पताल में कुल 110 कर्मियों की टीम मौजूद रही जिसमें डॉक्टर, मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और फार्मासिस्ट शामिल थे।

इसके अलावा न्यू मार्केट और भेल परिसर में भी मॉक ड्रिल हुई। भेल के पिपलानी थाने के पीछे स्थित बिल्डिंग से घायलों का रेस्क्यू कर उन्हें संजीवनी क्लिनिक, कस्तूरबा अस्पताल और हताईखेड़ा अस्पताल पहुंचाया गया।

पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आपदाओं के प्रति जागरूक करना और बचाव कार्य में लगी टीमों के बीच समन्वय को मजबूत करना है।

इंदौर : 56 दुकान क्षेत्र में मॉक ड्रिल, सैन्य अधिकारियों ने दी आपदा प्रबंधन की जानकारी

इंदौर में सुबह 56 दुकान क्षेत्र में मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इसमें सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों मेजर जनरल (डॉ.) राजेश चाबा, ब्रिगेडियर सौरभ जैन और लेफ्टिनेंट कर्नल आशीष मंगरुलकर ने नागरिकों को आतंकी हमलों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की जानकारी दी। ब्लैकआउट, सायरन और बचाव गतिविधियों का डेमो दिया गया। कार्यक्रम में छप्पन दुकान व्यापारी संघ के अध्यक्ष गुंजन शर्मा भी मौजूद थे।

इधर डेंटल कॉलेज में आग लगने की स्थिति का अभ्यास किया गया, जहां से घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया। चार आतंकियों को पकड़ने का अभ्यास भी किया गया।

ग्वालियर : गैस रिसाव, हवाई हमला और अग्निकांड जैसी स्थितियों से निपटने का रिहर्सल

ग्वालियर में मॉक ड्रिल के अंतर्गत दो प्रमुख घटनाओं का अभ्यास किया गया। बिरला नगर आरओबी के पास स्थित आईटीआई कॉलेज के बाहर अमोनिया गैस से भरा टैंकर स्कूल बस से टकरा गया। सेना, बीएसएफ, पुलिस, होमगार्ड और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने तत्परता से रिसाव को रोका और बच्चों को 40 मिनट के भीतर अस्पताल पहुंचाया। ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

सिरोल क्षेत्र की एक ऊंची इमारत में हवाई हमले के दौरान आग लग गई और सैकड़ों लोग फंस गए। एनडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड ने 30 मिनट के भीतर लोगों को सुरक्षित निकाला। एम्बुलेंस लगातार घायलों को अस्पताल पहुंचाती रही।

कलेक्टर रूचिका चौहान और एसएसपी धर्मवीर सिंह ने नागरिकों से सहयोग की अपील की और कहा कि यह अभ्यास लोगों को आपदाओं से निपटने के लिए जागरूक करने हेतु किया जा रहा है।

जबलपुर : समदड़िया मॉल में बम धमाके, बचाव दल ने किया रेस्क्यू

जबलपुर में चार स्थानों समदड़िया मॉल, गारमेंट क्लस्टर गोहलपुर, सिहोरा और पुराना गोरखपुर थाना में मॉक ड्रिल की गई। समदड़िया मॉल में एक के बाद एक दो बम विस्फोट हुए, जिससे मॉल की ऊपरी मंजिल पर आग लग गई और चारों ओर धुंआ फैल गया। पुलिस, एम्बुलेंस, नगर निगम और एनडीआरएफ की टीमों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लोगों को जमीन पर लेटने और टेबल के नीचे छिपने की सलाह दी गई।

धुएं से दम घुटने की स्थिति में लोगों को मास्क व कपड़ा देने की व्यवस्था की गई। स्ट्रेचर कम पड़ने पर घायलों को कंधों पर बाहर लाया गया। एनसीसी कैडेट्स, होमगार्ड और नागरिकों ने भी मदद की। आपातकालीन सीढ़ियों से लोगों को बाहर निकाला गया। कलेक्टर, एसपी और निगमायुक्त ने भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।

शाम 7:30 से 7:42 तक शहर में ब्लैकआउट किया जाएगा, जिसमें सरकारी और निजी संस्थानों की लाइटें बंद रखी जाएंगी। वहीं जबलपुर कलेक्टर ने कहा कि नागरिकों को डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इससे उन्हें सुरक्षित रहने के तरीके सीखने को मिलते हैं।

कटनी : स्कूल में बम विस्फोट का अभ्यास

कटनी के साधु राम स्कूल में मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही जवान अलर्ट हो गए। स्कूल की छत पर प्रतीकात्मक बम फेंका गया। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने व लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास किया गया। इस अभ्यास के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्थाओं की परख की गई और लोगों को जागरूक किया गया। जवानों ने छत पर चढ़कर फंसे लोगों को निकाला। लोगों को निर्देश दिए गए कि कैसे ऐसी स्थिति में खुद को सुरक्षित रखें।

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