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1 अप्रैल से बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बिकेंगे SIM Card, सरकार ने जारी की नई डेडलाइन, डीलर्स को कराना होगा वेरिफिकेशन

नई दिल्ली। ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैन को रोकने के लिए सरकार ने फर्जी सिम कार्ड की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सिम कार्ड डीलर का वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने इसके लिए डेडलाइन को 2 महीने बढ़ाकर 31 मार्च का समय दिया है। अगर कोई डीलर दिए गए समय के अंदर अपनी डीलरशिप का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, तो 1 अप्रैल 2025 से वह सिम कार्ड नहीं बेच पाएगा।

12 महीने का दिया था समय

सरकार ने अगस्त 2023 में ही सभी सिम कार्ड डीलर्स को वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 12 महीने का टाइम दिया गया था, ताकि सभी फ्रेंचाइजी, पॉइंट ऑफ सेल (PoS) एजेंट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का रजिस्ट्रेशन पूरा कर सकें। सभी डीलर्स के रजिस्ट्रेशन कंप्लीट कराने के लिए DoT ने कई बार डेडलाइन को बढ़ाया है। हालांकि, अब विभाग ने 31 मार्च तक का समय तय कर दिया है।

फर्जी सिम बेचने पर किया जाएगा ब्लैकलिस्ट

DoT ने साफ तौर पर कहा है कि 1 अप्रैल 2025 से सिर्फ वही एजेंट सिम कार्ड की बिक्री कर पाएंगे जिनका वेरिफिकेशन पूरा होगा। अगर कोई बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बिना फर्जी तरीके से सिम की बिक्री करते हुए पकड़ा गया, तो ऐसे में उसे तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और जेल भी भेजा जा सकता है।

बीएसएनएल ने मांगा ज्यादा समय

जानकारी के मुताबिक, प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी जैसे रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई ने 31 मार्च तक अपने एजेंट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का रजिस्ट्रेशन कम्पलीट कर लिया है, लेकिन बीएसएनएल ने सरकार से ज्यादा वक्त मांगा था। BSNL का कहना था कि उसके सॉफ्टवेयर में कुछ प्राब्लम है, उसे ठीक करने के लिए ज्यादा वक्त की जरूरत है।

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