
अंकों का जीवन में बड़ा महत्व है। कुंडली में भी अंकों का गहरा प्रभाव पड़ता है। अपने जीवन के अंक को समझना यानि जीवन का सार समझना। पीपुल्स अपडेट में जानिए भगवान श्रीकृष्ण का शनिदेव के अंक 8 से लगाव का क्या है रहस्य?
8 अंकों के इर्द-गिर्द रची गई हैं कृष्ण लीलाएं
अंकों का जीवन में बड़ा महत्व है। कुंडली में भी अंकों का गहरा प्रभाव पड़ता है। अपने जीवन के अंक को समझना यानि जीवन का सार समझना है। नमस्कार पीपुल्स अपडेट में मैं नूपुर शर्मा आपको बता रही हूं, भगवान श्रीकृष्ण का शनिदेव के अंक 8 से लगाव का रहस्य। यह महज संयोग नहीं था कि उनके जीवन की अधिकांश घटनाएं नंबर 8 से जुड़ी थीं, बल्कि यह उनकी असीम शक्ति के बारे में बताता है, क्योंकि 8 अनंत का संकेत है। कान्हा भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं। देवकी और वासुदेव की 8 वीं संतान हैं। जिस दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था उस दिन रात के सात मुहूर्त निकल चुके थे और 8वें मुहूर्त में भगवान का जन्म हुआ।
अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक
अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक है, कृष्ण शक्ति संपन्न, स्वयंभू और परब्रह्म है इसीलिए वे अष्टमी को अवतरित हुए। वे 8वें मनु के काल में जन्में, वे अष्टलक्ष्मी के स्वामी हैं। लक्ष्मी के ये 8 रूप भगवान विष्णु की 8 शक्तियां हैं। श्रीकृष्ण के अवतार में, ये 8 रूप उनकी आठ पत्नियां बन गईं। 80 पुत्र थे जिनका योग 8 आता है। इसके अलावा भगवान की 16,100 रानियां थी, जिसका कुल योग 8 आता है। इनसे कृष्ण ने केवल उन्हें नरकासुर से बचाने के लिए विवाह किया था।
बचपन की 8 सखियों से कृष्ण को विशेष लगाव था। जो राधा, विशाखा, ललिता, इंदुलेखा, चम्पकलता, सुदेवी, तुंगविद्या और चित्रा हैं। उनके 8 मित्र और 8 शत्रु थे। उन्होंने पृथ्वी पर 125 साल का जीवन जिया, जिसको जोड़ने पर कुल योग 8 आता है। भगवतगीता के 8 वें अध्याय के 8 वें श्लोक को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें श्रीकृष्ण कहते हैं। परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे…. वे 8 रसों और अष्टांग योग में निपुण हैं।
क्या कहता है अंक शास्त्र ?
अंक शास्त्र के अनुसार संख्या 8 अनंतता और ब्रह्मांड में मौजूद सभी सकारात्मक चीजों का प्रतिनिधि है। यह प्रतीक असीम ज्ञान, समृद्धि, प्रेम और अनंत खुशी का प्रतीक है। 8 का अंक निरंतरता, प्रचुरता और पूर्णता का प्रतिनिधित्व करता है। 8 अंक का कभी न खत्म होनेवाला चक्र कृष्ण की रहस्यमय मुस्कान की तरह है, जिस तरह अनंत की अवधारणा पूरी तरह समझ से परे हैं, उसी तरह कृष्ण भी मानवीय समझ से परे हैं। 8 का अंक अनंतता और पूर्णता के साथ उनके व्यक्तित्व के सार को पूरी तरह दर्शाता है।