ताजा खबरभोपालमध्य प्रदेश

कांग्रेस के समय किताबों में शिवाजी, गुरु गोविंद को बताया गया था लुटेरा: मंत्री

विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस ने किया हंगामा, वॉकआउट

भोपाल। विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जवाब के दौरान हंगामे की स्थिति बनी। सीएम ने कहा, कांग्रेस ने जिन पर ध्यान नहीं दिया, ऐसे महापुरुषों को हम भारत रत्न दे रहे हैं। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगा दिया कि कांग्रेस के कार्यकाल में तो पाठ्य पुस्तकों में गुरु गोविंद सिंह, शिवाजी महाराज और टंट्या मामा को लुटेरा बताया गया था। भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी जब मानव संसाधन मंत्री बने, तब उन्होंने जानकारी ठीक कराई।

यह सुनते ही पूरा विपक्ष भड़क गया और काफी देर तक हंगामा होता रहा। विपक्ष ने विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मांग रखी कि विजयवर्गीय की टिप्पणी विलोपित करें। तोमर ने व्यवस्था दी कि तथ्यों की जांच के बाद कार्रवाई करेंगे। इससे असंतुष्ट कांग्रेसी वॉकआउट कर गए।

भारत रत्न पर क्या बोल गए नेता प्रतिपक्ष! : सीएम यादव ने कहा कि हम टंट्या मामा सहित अन्य महापुरुषों को सम्मान दे रहे हैं। कांग्रेस ने जिन पर कभी ध्यान नहीं दिया हम उन्हें भारत रत्न दे रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने भारत रत्न को लेकर टिप्पणी कर दी जिस पर जमकर हंगामा हुआ, स्पीकर तोमर ने बाद में वह टिप्पणी विलोपित कर दी।

आज विस में भाजपा द्वारा जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं करने के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया। -उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष

कभी भी पाठ्यपुस्तकों में शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह सहित अन्य महापुरुषों के बारे में गलत चीजें नहीं पढ़ाई गईं…..

भोपाल। विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा और कृतज्ञता ज्ञापन के दौरान संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कार्यकाल में पाठ्य पुस्तकों में गुरु गोविंद सिंह, शिवाजी महाराज और टंट्या मामा को लुटेरा बताया गया था। भाजपा सरकार ने जानकारी ठीक कराई। पीपुल्स समाचार ने शिक्षाविद् और शिक्षकों से बात कर सच्चाई जानने की कोशिश की।

लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही

हमने अपनी जिंदगी में एनसीईआरटी के अलावा कई अन्य किताबों का अध्ययन किया है। किसी भी किताब में इन महापुरुषों के बारे में इस तरह की आपत्तिजनक बातों का उल्लेख नहीं मिलता है। जहां तक शिवाजी की बात है, तो वह धर्म निरपेक्ष थे, उनकी फौज का लीडिंग कमांडर तो मुसलमान था। वह कभी भी हिंदू और मुसलमान में भेदभाव नहीं करते थे। शिवाजी के बारे में पढ़ने वाले चाहते हैं कि फिर शिवाजी का राज आ जाए, वही सही रामराज होगा। इसी तरह गुरु गोविंद सिंह भी बड़े प्रतीक थे, जो समाज में सबको साथ लेकर चलते थे। मैंने उत्तर प्रदेश की किताबों में टंट्या भील की अच्छी-अच्छी कहानियां पढ़ी हैं। हमारी पाठ्य पुस्तकों में किसी भी महापुरुष के जीवन के बारे में कम या ज्यादा लिखा हो सकता है, लेकिन उनके लिए अपमानजनक शब्दों का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है। लोगों को गुमराह करने की कोशिश है। -अनिल सदगोपाल, शिक्षाविद्

किसी किताब में महापुरुषों के बारे में गलत नहीं पढ़ा

मैं वर्षों से शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाता आ रहा हूं। किसी भी किताब में कभी भी हमारे किसी महापुरुष के बारे में न तो गलत पढ़ा है और न ही गलत पढ़ाया है। किताबों में शिवाजी, टंट्या भील और गुरुगोविंद सिंह की वीरगाथाएं पढ़ी हैं। दशकों से किताबों में महापुरुषों के बारे में, उनके द्वारा समाज और देश के लिए दिए गए बलिदान की प्रेरक बातें पढ़ाई जा रही हैं । -वीरेन्द्र प्रताप दुबे, स्कूल शिक्षक

संबंधित खबरें...

Back to top button