
अमृतसर। पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को जानलेवा हमला हुआ। एक शख्स ने गोल्डन टेंपल के गेट पर उन पर फायरिंग की। हालांकि, गोली दीवार पर जाकर लगी। जिसमें वे बाल-बाल बच गए। हमलावर के गोली चलाते ही मौके पर मौजूद लोगों ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने आरोपी को कस्टडी में ले लिया है और उसके पास से पिस्तौल भी बरामद कर ली गई है। सुखबीर सिंह बादल सहित शिरोमणि अकाली दल के नेता श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से घोषित धार्मिक दंड के तहत 2 दिसंबर को ‘सेवा’ कर रहे थे।
कौन है हमलावर
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल मंगलवार (3 दिसंबर) से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर यानी श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे के बाहर पहरेदारी करके सजा काट रहे हैं। उनके गले में दोषी होने की तख्ती भी लटकी है। बुधवार (4 दिसंबर) को भी वे सजा काट रहे थे। तभी एक व्यक्ति हाथ में पिस्टल लेकर भागता हुआ सुखबीर बादल की तरफ गया और उसने फायरिंग कर दी। इसी दौरान वहां खड़े सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को पकड़ लिया और पिस्टल छीन ली। वहीं सुरक्षाकर्मियों ने सुखबीर बादल को घेर लिया। घटना का वीडियो भी सामने आया है।
हमलावर की पहचान गुरादसपुर के डेराबाबा नानक के रहने वाले नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है। वह दल खालसा का सदस्य है।
गुरुद्वारे में सजा काट रहे सुखबीर बादल
- सिख समाज की ‘सुप्रीम अदालत’ यानी श्री अकाल तख्त साहिब ने 2 दिसंबर को सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई है। वो गुरुद्वारे में सेवादारी करेंगे। इसी के चलते सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के बाहर बरछा पकड़कर सजा भुगत रहे थे।
- उन्होंने सजा के पहले दिन स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई में बर्तन भी साफ किए। इस दौरान उन्होंने सेवादारों वाली परिधान पहनी। सुखबीर सिंह बादल के पैर में फैक्चर है, इसलिए प्लास्टर लगा हुआ है और वो व्हीलचेयर पर ही पहरेदारी कर रहे हैं।
- सजा सुनाते हुए अकाल तख्त के जत्थेदा ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा- सुखबीर बादल 3 दिसंबर, 2024 से रोजाना दरबार साहिब परिसर में बाथरूम सफाई, बर्तन साफ करने और श्रद्धालुओं के जूते साफ करने व गुरद्वार में कीर्तन में मौजूद रहेंगे। इस दौरान उनके गले में ‘तनखैया’ लिखी तख्ती भी लटकानी होगी। गोल्डन टेंपल में 2 दिन सेवा करने के बाद वह अगले 2-2 दिन केसगढ़ साहिब, दमदमा साहिब, मुक्तसर साहिब, फतेहगढ़ साहिब में सेवा करके अपनी सजा पूरी करेंगे।
सुखबीर बादल को क्या सुनाई गई सजा?
राम रहीम को माफी देने समेत 5 मामलों में सुखबीर बादल व शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई थी। जत्थेदार श्री अकाल तख्त ने बादल और उनकी पार्टी के नेताओं पर 2007 से लेकर 2017 तक अकाली दल की सरकार के समय धार्मिक गलतियों पर सजा सुनाई है।
क्या हैं आरोप
- सुखबीर बादल और उनके कैबिनेट के खिलाफ आरोप है कि, उन्होंने ईशनिंदा के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद की है। इसके लिए बादल ने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया है।
- श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई भी नहीं की। बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान कुछ लोगों ने 1 जून 2015 को बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। जिसके बाद बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से 12 अक्टूबर 2015 को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए।
- संगत के पैसे से राजनीतिक विज्ञापन दिलवाया था। ये विज्ञापन डेरा मुखी को माफी दिए जाने के बाद पब्लिश करवाया गया था।
- झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए। अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था।
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