
कान्हा टाइगर रिजर्व के बाड़े से बाघिन ‘सुंदरी’ की शिफ्टिंग वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में की जा रही है। बुधवार को दोपहर 12.05 बजे घोरेला बाघ बाडे़ से बाघिन रवाना कर दिया गया है। कान्हा एवं पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं अधिकारियों ने बाघिन के शरीर के माप रिकॉर्ड किए एवं स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। ये पूरी कार्रवाई क्षेत्र संचालक एसके सिंह के मार्गदर्शन में की गई है।
मप्र हाई कोर्ट में लगाई थी याचिका
सतकोसिया टाइगर रिजर्व उड़ीसा में बाघ स्थापना कार्यक्रम के अंतर्गत 2018 में बांधवगढ़ से ये बाघिन को सतकोशिया भेजा गया था। सतकोशिया मे कुछ अवांछित घटनाओं के पश्चात बाघिन को क्षेत्रिय लोगों की सुरक्षा के तहत सतकोसिया टाइगर रिजर्व में 2 वर्ष तक बाड़े में रखा गया था। भारत सरकार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा उपरांत कार्यक्रम को स्थगित करते हुए स्थानांतरित बाघिन को मप्र वापस करने के निर्देश जारी किए गए। इस संबंध में याचिका क्रमांक 10922/2020 को मप्र उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी।
वन विहार में शिफ्टिंग के आदेश
हाई कोर्ट ने 04 नवंबर, 2020 के आदेशानुसार बाघिन को कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला में वन्यजीवन के लिए पुनः प्रशिक्षित करने के लिए निर्देशित किया गया। 24 मार्च, 2021 बाघिन को सतकोसिया से लाया। वनक्षेत्र में प्रशिक्षित करने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला के मुक्की परिक्षेत्र के अंतर्गत घोरेला बाघ बाड़ा में रखा गया था।
बाघिन सुंदरी के द्वारा शिकार करने की प्रवृति मंजूर की गई थी, परंतु उसका मनुष्यों के समीप जाने का व्यवहार परिवर्तित ना होने पर मुक्त वन क्षेत्र में छोड़ा जाना सुरक्षित नहीं था। भोपाल के मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक द्वारा इसे वन विहार राष्ट्रीय उद्यान स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए। ये कार्रवाई इसी संदर्भ में पूरी हुई।
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