
विजय एस. गौर-भोपाल। राजधानी में भिक्षावृत्ति के खिलाफ शुरू हुई मुहिम के चलते शहर के ज्यादातर चौराहों पर भिखारी दिखना बंद हो गए हैं। पीपुल्स समाचार ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि भोपाल के पड़ोसी जिलों में अचानक भिखारियों की संख्या बढ़ गई है। दरअसल भोपाल को भिखारी मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने भीख मांगने के साथ ही भीख देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे यहां के भिखारी सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम और विदिशा शिफ्ट हो गए।
टकराव भी शुरू: पड़ोसी जिलों में अचानक भिखारियों की संख्या बढ़ने से लोकल भिखारियों से जगह पर कब्जा करने को लेकर टकराव होने लगा है।
शिफ्टिंग के बाद यहां जमाया डेरा
- रायसेन : मजार, सांची, बरेली, मंडीदीप
- नर्मदापुरम : सेठानीघाट नर्मदा किनारे
- सीहोर : चिंतामणि गणेश मंदिर, कुबेरेश्वर धाम
- विदिशा : मंदिर रेलवे स्टेशन के सामने
- भोपाल : हरसिद्धी मंदिर, तरावली
रायसेन : दिखने लगे भिखारी
पहले सांची में एक भी भिखारी नहीं था, लेकिन कुछ दिनों से जहां से रास्ता ऊपर जाता हे, वहीं ये मिल जाते हैं जो पीछा ही नहीं छोड़ते। -डॉ. बीडी राजोरिया
सीहोर : गणेश मंदिर पर जमावड़ा
चिंतामणि गणेश मंदिर, कुबेरेश्वर धाम और क्रिसेंट के सामने बच्चों के साथ भिखारी औरतें मंडराती रहती हैं। बच्चे तो चिपक जाते हैं। -भगवानदास विश्वकर्मा
विदिशा : रोज दिखते हैं भिखारी
पहले मंगलवार और शनिवार को ही स्टेशन के बाहर वाले मंदिर पर भिखारी जमा होते थे, लेकिन अब तो लाइन लगाकर बैठे रहते हैं। -अक्षय सिंह चंदेल
नियमानुसार कार्रवाई होगी
रायसेन जिले में धार्मिक स्थलों और नर्मदा किनारे भिखारियों के बढ़ने के बारे में परीक्षण के लिए निर्देशित किया है। नियमानुसार कार्रवाई होगी। -अरुण विश्वकर्मा,कलेक्टर, रायसेन
डेरा जमाने की जांच करवाएंगे
जिले में कहीं भी भिखारियों की अचानक तादाद बढ़ने या डेरा जमाने की जांच करवाएंगे। भिक्षावृत्ति के खिलाफ सुसंगत कार्रवाई की जाएगी। -रौशन सिंह,कलेक्टर, विदिशा