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पंचतत्व में विलीन हुईं बिहार की स्वर कोकिला : बड़े बेटे अंशुमान ने दी मुखाग्नि, छठ के पहले दिन हुआ था शारदा सिन्हा का निधन

पटना। बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा छठ के तीसरे दिन पंचतत्व में विलीन हो गईं। पटना के गुलाबी घाट पर गुरुवार (7 नवंबर) को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे अंशुमान ने मुखाग्नि दी। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री, बीजेपी नेता अश्विनी चौबे समेत भारी संख्या में उनके प्रशंसक मौजूद रहे।

शारदा सिन्हा को छठ गीत से पहचान मिली। छठी माई की महिमा गाने वाली शारदा सिन्हा का पर्व के पहले दिन (5 नवंबर) दिल्ली एम्स में निधन हुआ। आज संध्या अर्घ्य वाले दिन वो पंचतत्व में विलीन हो जाएंगी।

राजेंद्र नगर स्थित आवास से निकली अंतिम यात्रा

बुधवार (6 नवंबर) सुबह करीब 9 बजे पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास से गुलाबी घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकली। मां की अर्थी को बेटे अंशुमान ने कंधा दिया। इसके साथ ही बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरसिया ने भी कंधा दिया।

ब्लड इंफेक्शन की वजह से हुई मौत

दिल्ली AIIMS ने बताया कि, शारदा सिन्हा की सेप्टिसीमिया (ब्लड इंफेक्शन) की वजह से मौत हुई। 26 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली AIIMS में एडमिट कराया गया था। 3 नवंबर को हालत में सुधार होने के चलते उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन 4 नवंबर की शाम को उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा, इसके बाद से वे वेंटिलेटर पर थीं। 2018 में शारदा सिन्हा को मल्टिपल मायलोमा होने की खबर सामने आई थी। ये एक तरह का ब्लड कैंसर है, तबसे ही उनका इलाज चल रहा था।

राष्ट्रपति, पीएम और सीएम ने जताया दुख

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध गायिका डॉक्टर शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है।

शारदा के निधन पर पीएम मोदी ने कहा- शारदा सिन्हा जी के गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत बेहद लोकप्रिय रहे। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज सदैव बनी रहेगी।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा- बिहार कोकिला शारदा सिन्हा मशहूर लोक गायिका थी। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।

कई सम्मान मिले

उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने शारदा सिन्हा को 1991 में प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। 2000 में शारदा सिन्हा को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2006 में राष्ट्रीय अहिल्याबाई देवी सम्मान। 2018 में मोदी की सरकार ने उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया।

छठ गानों के लिए फेमस थीं शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा के अधिकतर गाने मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में होते थे, लेकिन सिंगर ने बॉलीवुड गाने भी गाए थे। सलमान खान की फिल्म के लिए गाए गए उनके दो गाने आज भी फेमस हैं। 1994 में आई फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ का विदाई सॉन्ग ‘बाबुल’ उन्होंने गाया था। वहीं भाईजान की सुपर डुपर हिट फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में उन्होंने ‘कहे तोसे सजना’ गाना गाया था, जिसने सबका दिल जीत लिया था। ये गाना सलमान-भाग्यश्री पर फिल्माया गया था।

ये हैं टॉप-10 गाने

  • रामजी से पूछे जनकपुर के नारी
  • केलवा के पात पर उगेलन सुरज देव
  • कांचहि बांस के बहंगिया
  • आन दिन उगइ छ हो दीनानाथ
  • कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया
  • बाबुल जो तूने सिखाया जो तुमसे पाया
  • तार बिजली से पतले हमारे पिया
  • अंगना में पोखरी खनाएब छठी मैया
  • जय जय भैरवी असुर भयाविनी
  • जगदम्बा घर में दीयरा बार ऐनी हे

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