
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने Z+ सिक्योरिटी लेने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि पवार ने CRPF के अधिकारियों को लौटा दिया। गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 58 कमांडोज उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाने थे। हालांकि, पवार ने यह कहा है कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि उनकी सुरक्षा क्यों बढ़ाई जा रही है ?
सुरक्षा अधिकारियों के साथ शरद पवार की बैठक
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने दिल्ली में अपने घर के अंदर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने, राजधानी में आने-जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन को बदलने और उनके वाहन के अंदर दो सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने के प्रस्तावों को ठकुरा दिया है। हालांकि, पवार सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के तहत दिल्ली में अपने घर की चारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं। पूर्व रक्षा मंत्री ने शुक्रवार को यहां एक बैठक में सुरक्षा एजेंसियों (सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस) के प्रतिनिधियों को अपने सुझाव दिए।
बैठक में दिल्ली अग्निशमन सेवा, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि मूल्यांकन में पवार की सुरक्षा को मबजूत किए जाने की सिफारिश के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ से उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान करने को कहा। इस कार्य के लिए सीआरपीएफ के 55 सशस्त्र जवानों को नियुक्त किया गया है।
किसे मिलती है जेड प्लस सुरक्षा ?
सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय गृह मंत्रालय का है, लेकिन हर कोई जेड प्लस सुरक्षा के लिए पात्र नहीं है, बल्कि यह चुनिंदा लोगों को प्रदान की जाती है। दरअसल, यह सुरक्षा केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों, आध्यात्मिक नेताओं और अन्य प्रमुख व्यक्तियों को प्रदान की जा सकती है।
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