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शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन, 99 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का निधन हो गया है। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर के झोतेश्वर मंदिर में उन्होंने 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बता दें कि 3 सितंबर को उन्होंने अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे।

MP के सिवनी जिले में हुआ था जन्म

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितंबर 1924 को मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम धनपति उपाध्याय और मां का नाम गिरिजा देवी था। शंकराचार्य स्वरूपानंद के माता-पिता ने उनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। 9 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्राएं शुरू कर दी थीं। इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह ‘क्रांतिकारी साधु’ के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी की जेल में 9 और मध्यप्रदेश की जेल में 6 महीने की सजा भी काटी थी।

19 साल की उम्र में बने थे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

शंकराचार्य ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का ऐलान हुआ तो स्वामी स्वरूपानंद भी आंदोलन में कूद पड़े। 19 साल की आयु में वह क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्हें वाराणसी में 9 महीने और मध्यप्रदेश की जेलों में 6 महीने कैद रखा गया।

कल शाम को दी जाएगी समाधि

ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को कल (12 सितंबर) परमहंसी गंगा आश्रम में मंदिर के सामने ही शाम 4 बजे समाधि दी जाएगीl आश्रम के ब्रह्मचारी अचलानंद के अनुसार रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अंतिम सांस लीl

 

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