
उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को सोमवार को बड़ी सौगात मिली है। शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर हासामपुरा गांव में SGML आई हॉस्पिटल स्वामी नारायण आश्रम द्वारा बनवाया गया है। जिसका केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया है। अमित शाह ने कहा कि उज्जैन धाम देश के करोड़ों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। भगवान महाकाल का यह मंदिर वेदों के समय से ही हमारी देश की काल गणना में ही बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा। अनेक सालों तक संध्या पूजा की काल गणना यही मंदिर के आधार पर तय की जाती थी। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वर्जुअली जुड़े।
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि उज्जैन में श्री महाकाल लोक का निर्माण भी उज्जैन की भव्यता को नई गति दे रहा है। आज स्वामी नारायण संस्थान विशाल वटवृक्ष बनकर भारत में ध्रुव तारे की भांति विद्यमान है। स्वामी नारायण ने विश्व कल्याण के लिए अनेकों कार्य किए। शिक्षा और व्यसनमुक्ति के क्षेत्र में स्वामी नारायण संस्थान अभूतपूर्व कार्य कर रहा है।
उज्जैन में शिव ज्ञान मोतीलाल आई हॉस्पिटल का माननीय केंद्रीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी ने वर्चुअली शुभारंभ किया, मैं इसके लिए उनके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। pic.twitter.com/JmM5Nw7qxa
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 30, 2023
मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लाखों रोगियों को मिलेगा लाभ : CM
- सीएम शिवराज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि उज्जैन में नेत्र चिकित्सालय के निर्माण के लिए स्वामीनारायण संस्था और इससे जुड़े देश-विदेश के भक्तों के सहयोग के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। नेत्र चिकित्सालय के निर्माण के कार्य में स्वामीनारायण संस्था से जुड़े हुए देश-विदेश के भक्तों का विशेष सहयोग मिला है,मैं उनको प्रणाम करता हूं। मुझे खुशी है कि अत्याधुनिक मशीनों,उपकरणों की सहायता से अनुभवी चिकित्सक की टीम रोगियों का इलाज करेगी।
- सीएम ने आगे कहा कि 50 बिस्तरीय क्षमता वाले इस अस्पताल से पूरे मालवा और निमाड़ क्षेत्र के लाखों रोगियों को लाभ मिलेगा। इस पुण्य और पवित्र काम के लिए मैं स्वामीनारायण संस्था का आभार प्रकट करता हूं।
- बाबा महाकाल की नगरी उज्जयिनी, धरती की नाभिस्थली प्रतिकल्पा, गुरु संदीपनी की तपोभूमि, आदि शंकराचार्य जी की दीक्षा भूमि, राजा विक्रमादित्य की राजधानी, महाकवि कालिदास की कर्मभूमि अब स्वामी नारायण संस्था की कर्मभूमि के रूप में भी जानी जाएगी।
- 2016 में जब सिंहस्थ हुआ था, तब संस्था ने तय किया था कि उज्जैन में एक भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे। लेकिन जब आपको पता चला कि मंदिर से ज्यादा एक नेत्र चिकित्सालय की आवश्यकता है तो संस्था ने चिकित्सालय बनाने का निर्णय किया, मैं आपका अभिनंदन करता हूं।