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SFRI तैयार कर रहा लक्ष्मण फल, दावा- कैंसर नाशक

मयंक तिवारी जबलपुर। राम फल, सीता फल तो आपने सुना भी होगा और स्वाद भी लिया होगा, लेकिन अब लक्ष्मण फल भी आ गया है। यह फल देश के दक्षिण हिस्से में काफी मात्रा में होता है। जबलपुर के स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसएफआरआई) की नर्सरी में इस पौधे को तैयार किया गया है। एसएफआरआई का दावा है कि यह फल कैंसर को समाप्त कर देता है।

एसएफआरआई के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी (संरक्षण प्रभाग) डॉ. उदय होमकर ने बताया कि हम नर्सरी में लक्ष्मण फल के 1 हजार से अधिक पौधे तैयार कर रहे हैं। इस फल के कई औषधीय गुण हैं, जिनमें से एक तो यह है कि यह कैंसर नाशक है। खरगोन के साथ मालवा के कुछ हिस्सों में किसानों व फार्म हाउस संचालकों ने इसे लगाया है। नर्सरी में हमने इस पौधे को 20 रुपए प्रति पौधे की दर से लोगों को देना तय किया है, ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके।

उष्ण कटिबंधीय सदाबहार पेड़

इसे ब्राजील से लाया गया है। यह एनोना परिवार से संबंधित एनोना म्यूरीकाटा नाम के छोटे पर्णपाती उष्ण कटिबंधीय सदाबहार पेड़ का फल है। इसके फलों को फूड कन्फेक्शनरी के तौर पर, जबकि पत्ते, छाल, जड़ें, फली और बीजों का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के लिए काढ़ा बनाने में किया जाता है।

ऑनलाइन भी है डिमांड : इस पेड़ के फलों की ऑन लाइन बाजार में काफी डिमांड है। 200 से 1 हजार रुपए प्रति किग्रा के दाम पर लोग बुकिंग कर रहे हैं। नामी कंपनियों की वेबसाइट पर इसे ऑन डिमांड खरीदा जा रहा है।

यह कैंसर नाशक है, स्तन कैंसर से बचाता है। ऑस्टियोपोरोसिस को रोकता है। कब्ज, गैस्ट्रिक और अन्य अल्सर से बचाता है। पैर की ऐंठन को रोकता है। यूटीआई के संक्रमण को रोकता है। शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखता है। डायबिटीज में फायदेमंद है। – डॉ. विजय श्रवण, आयुर्वेदाचार्य

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